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पीरियड्स में न लें छुट्टी इसलिए यहां महिलाओं को दी जा रही हैं अवैध दवाइयां, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

locationनई दिल्लीPublished: Jun 19, 2019 02:52:12 pm

Submitted by:

Priya Singh

Tamil Nadu में टेक्सटाइल कारखानों में महिला श्रमिकों से साथ हैवानियत
पीरियड्स ( Periods ) के दौरान उन्हें दी जा रही हैं अवैध दवाइयां

tamil nadu during periods Illegal pills are given to women workers

पीरियड्स में न लें छुट्टी इसलिए यहां महिलाओं को दी जा रही हैं अवैध दवाइयां, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

नई दिल्ली। तमिलनाडु ( Tamil Nadu ) से इंसानियत को शर्मशार कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां की फैक्टरियों में महिला कर्मचारियों से जानवरों की तरह काम कराया जा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के कई टेक्सटाइल कारखानों ( textile factory ) में महिला कर्मचारियों को पीरियड्स ( periods ) के दौरान दवा देकर जबरन काम कराया जा रहा है। उससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि महिला कर्मचारियों को दी जा रही यह ( periods pain ) दवाइयां अवैध हैं। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में लगभग 40,000 कपड़ा कारखाने है। यहां लगभग 300,000 से अधिक महिला श्रमिक काम करती हैं। तमिलनाडु में सक्रीय थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन ने टेक्सटाइल कारखानों में काम कर रहीं करीब 100 महिलाओं से बात-चीत के बाद यह हैरान कर देने वाली रिपोर्ट तैयार की है।

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इन दवाइयों का नहीं दिखाया जाता है नाम

रिपोर्ट के मुताबिक, इन महिला कर्मचारियों को बिना लाइसेंस के इस तरह से अवैध दवाइयां दी जा रही हैं। ऐसा करने के पीछे कारखानों का मकसद है कि महिला श्रमिक पीरियड्स के दौरान छुट्टी न लें और काम करती रहें। रिपोर्ट के मुताबिक, बिना किसी डॉक्टर के सलाह के इन महिला कर्मचारियों को ये दवाइयां दी जा रही हैं। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है ये कारखाने इन महिलाओं से 10 घंटे का काम लेते हैं। कई महिला कर्मचारी ऐसी हैं जो ये नहीं चाहती कि किसी भी सूरत में उनके मजदूरी में कटौती हो। ऐसे में कारखाने से उन्हें दर्द कम करने की एक गोली दी जाती है। महिलाओं को दवा का नाम नहीं मालूम, वे उसे केवल उसके रंग से पहचानती हैं।

माहिलाओं ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन से की गई बात में बताया कि दवा खाने के बाद उनका दर्द तो कम हो गया लेकिन इसके बाद उन्हें कई तरह की और समस्याएं होने लगी हैं। महिलाओं का दर्द कम करने के लिए उन्हें जो दवाइयां दी जाती हैं उन्हें उसकी एक्सपायरी डेट भी नहीं दिखाई जाती। रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद राज्य सरकार ने एक बयान जारी किया है कि वे इन महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच कराएगी।

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