हम यहां बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की, जहां पल भर में एक पूरे परिवार की दास्तां ही बदल गई। हुआ कुछ यूं कि परिवार के मुखिया मानस को काम के लिए घर से बाहर कहीं जाना पड़ा। परिवार में मानस के अलावा उनकी बीवी और दस माह का एक छोटा सा बच्चा था। दो कमरे के एक छोटे से घर में यह परिवार खुशी-खुशी अपना गुजारा कर रहा था।
मानस के जाते ही भोर में उनकी बीवी को शौचालय जाना था जो कि घर के बाहर पास में ही था। मां का मन बच्चे को कमरे में अकेला छोड़कर जाने को नहीं माना। ऐसे में वो दस माह के गौरव को अपने संग वाशरूम में लेकर गई। फ्रेश होने के बाद वो बाथरूम से कुछ ही दूरी पर स्थित कुएं में से पानी निकालने गई। इस बीच वो गौरव को अपनी बांहों में जकड़े हुए थी।
कुएं में बाल्टी डालने के बाद जैसे ही वो उसे ऊपर खींचने के लिए झूकी एकाएक संतुलन खोने के कारण गौरव उनकी हाथों से छूटकर पानी में जा गिरा। ऐसे में मां को कुछ नहीं सूझा और वो भी कुएं में कूद गई। अपने साथ-साथ बेटे को बचाने के चक्कर में उसने चींखकर मदद की मांग की। इसके बाद लोग देखते ही देखते वहां एकत्रित हो गए।
सभी ने मिलकर मानस की पत्नी शम्पा को कुएं से निकालकर जलपाईगुड़ी अस्पताल भेजा। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया और इधर मां की बिगड़ती हालत को देखते हुए उन्हें किसी दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। फिलहाल शम्पा सिलीगुड़ी के एक नर्सिंगहोम में जिंदगी की जंग लड़ रही है।
खबर मिलते ही मानस को तुरंत आना पड़ा और उनके पास अभी अफसोस करने के अलावा और कुछ भी नहीं बचा। हंसी-खुशी से भरे परिवार को आंखों के सामने उजड़ता हुआ देख मानस भी अभी सदमे में हैं और बात करने की हालत में नहीं है।