वैज्ञानिकों ने खोज निकाली कोरोना की दवा, इन जानवरों के एंटीबॉडीज से मिलेगी बड़ी राहत, दिखी उम्मीद
वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला एक जानवर से प्राप्त एंटीबॉडीज से कोरोना का इलाज

नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना वायरस की दहशत में जी रही है। कोरोना के संक्रमण की दूसरी लहर दुनिया में देखने को मिल रही है। आज पूरी दुनिया को कोरोना के वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। पहले रूस फिर चीन इसके बाद भारत, अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश वैक्सीन बनाने के करीब पहुंच चुके हैं। वैक्सीन से हट कर अगर इसके इलाज की बात करें तो कोरोना से होने वाली मौतों से घबराई दुनिया इसके इलाज पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसके लिए लगातार रिसर्च कर रहे हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए कई दवाएं बाजार में उपलब्ध हो गईं हैं, कई जगह प्लाज्मा थेरेपी और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी पर भी काम हो रहा है। इसी क्रम में अब वैज्ञानिक एक जानवर से मिलने वाले एंटीबॉडीज से कोरोना का इलाज और रोकथाम के उपाय खोज रहे हैं।
वैज्ञानिकों को 'लामाओं' से मिलने वाले एंटीबॉडी से कोरोना वायरस का शक्तिशाली एंटीबॉडी निकालने में सफलता मिली है। आपको बतादें लामा अमेरिकी ऊंट की प्रजाति का एक आकार में छोटा जानवर है। वैज्ञानिकों ने शोध के बाद दावा किया है कि इससे निकाले गए एंटीबॉडी में कोविड-19 के इलाज और इसकी रोकथाम की ज़बरदस्त क्षमता है।
लामा के एंटीबॉडी पर काम करने वाले अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर्स के अनुसार, ये विशेष लामा एंटीबॉडी नैनोबॉडी कहे जाते हैं, और आकार में मनुष्य के एंटीबॉडी से काफी छोटे होते हैं। वाज्ञानिकों ने बताया कि ये नैनो एंटीबॉडी, कोविड-19 महामारी फैलाने वाले वायरस Sars-COv-2 को बेअसर करने में बेहद कारगर होते हैं। इतना ही नहीं ये बहुत स्थिर भी होते हैं।
रिसर्चर्स ने वॉली नाम के एक काले रंग के लामा को Sars-COv-2 बढ़ाने वाले प्रोटीन के एक जींस के साथ प्रतिरोधी बनाया इसके करीब दो महीने बाद, नतीजा यह हुआ कि उस लामा की रोग प्रतिरोधक प्रणाली ने वायरस के खिलाफ एकदम सटीक नैनोबॉडी पैदा किया। इस शोध के बारे में गुरुवार को साइंस पत्रिका में प्रकाशित लेख के वरिष्ठ लेखक यी शी ने बताया कि, 'प्रकृति हमारी सर्वश्रेष्ठ आविष्कारक है।'
वैज्ञानिकों ने मास स्पेक्ट्रोमेट्री तकनीक पर आधारित रिसर्च किया जिसके प्रमुख लेखक और शी के प्रयोगशाला में अनुसंधान सहायक युफेई शिआंग ने वॉली के ब्लड में स्थित नैनोबॉडी की पहचान की जिसका Sars-COv-2 से घनिष्ट संबंध है। अब शोधकर्ताओं का दावा है कि ये नैनोबॉडी Sars-COv-2 के खिलाफ सबसे प्रभाशाली चिकित्सकीय एंटीबॉडीज साबित हो सकता है।
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Hot on Web News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi