सिगरेट से बढ़ा रहे कोरोना का खतरा शोधकर्ताओं का मानना है कि स्मोकिंग करने वालों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है। सिगरेट या अन्य तरह का धूम्रपान सीधे फेफड़ों पर असर करता है। द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडीसिन में प्रकाशित एक पेपर के लिए चीन में 1,099 कोरोना मरीजों का अध्ययन किया गया। स्टडी में सामने आया कि स्मोकर्स की आईसीयू में भर्ती होने, सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होने और यहां तक कि मरने की आशंका स्मोकिंग न करने वालों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है।
धूम्रपान करने वालों पर खतरा ज्यादा (डब्लूएचओ) ने सिगरेट पीने वालों के लिए विशेष चेतावनी जारी की है। संस्था ने कहा है कि जब तक कोरोना वायरस का प्रकोप बना हुआ है, तब तक सिगरेट पीने और तंबाकू का सेवन करने वालों को अपनी यह आदत छोड़ देनी चाहिए। डब्लूएचओ से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि धूम्रपान करने वालों को कोरोना वायरस संक्रमण से ज्यादा खतरा है।
कम नींद है घातक नींद पूरी न होना कोरोनावायरस से ग्रसित होने की आशंका बढ़ा सकता है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी का एक अध्ययन साबित कर चुका है कि नींद की कमी इम्यून सिस्टम कमजोर कर सकी हैं। वहीं यूके के नेशनल हेल्थ सर्विस का एक अध्ययन भी बताता है कि 7 घंटे से ज्यादा सोने वालों की तुलना में 5 घंटे से कम सोने वालों में जुकाम होने की आशंका 4.5 गुना ज्यादा है।
शराब रोग रोगप्रतिरोधी क्षमता करता है कम शराब सेहत के लिए सबसे हानिकारक है। ये शरीर की रोगप्रतिरोधी क्षमता को कम करता है। ऐसी अफवाहें भी चल रही हैं कि एल्कोहल पीने से या शरीर पर छिड़कने से कोरोना से बचा जा सकता है। डब्ल्यूएचओ बता चुका है कि ये अफवाहें गलत हैं। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) के मुताबिक शराब का ज्यादा सेवन न्यूमोनिया की आशंका बढ़ाता है।
नाखुन चबाने की आदत पड़ सकती है भारी कुछ लोगों की आदत नाखुन चबाने की होती है पर यह आदत सबसे खतरनाक बन सकती है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हमारे नाखूनों के बीच बैक्टीरिया वायरस, मैल या कचरा बड़ी आसानी से जमा हो जाता है। जब कोई अपने दांत चबाता है तो ये सब चीजें शरीर में बड़ी आसानी से दाखिल हो जाती हैं। मुंह में नाखून चबाकर आप न सिर्फ कोरोना जैसे खतरनाक वायरस का खतरा मोल ले रहे हैं, बल्कि ऐसा करने से आप कई तरह के वायरस, फ्लू और बैक्टीरिया के भी शिकार हो सकते हैं।