ब्रिटेन में हो रहे इस ट्रायल्स का मकसद है कोरोना वैक्सीन के निर्माण में तेजी लाई जा सके। कोरोना संक्रमित होने वाले वालेंटियर्स की उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच होगी। आपको बतादें जानकार इस उम्र के लोगों में कोरोना से मौत का रिस्क सबसे कम बताते हैं। रॉयल फ्री अस्पताल में ट्रायल इस लिए किया जा रहा है ताकि स्पेशलिस्ट इनके लक्षणों को मॉनिटर कर सकें। सबसे बड़ी बात यह है कि इन सभी वालेंटियर्स को ट्रायल के लिए 4000 पाउंड्स मिलेंगे जो भारतीय करेंसी में 4 लाख रुपये होगा।
इस ट्रायल में हिस्सा लेने वाले एक युवा जिनकी उम्र 18 वर्ष है और नाम है एलिस्टर फ्रेजर। एलिस्टर ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें इसके लिए कम से कम दो हफ्तों तक लॉक रख कर उनकी पूरी एक्टीविटी को मॉनिटर किया जाएगा।