जगी नई उम्मीद अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया और यूनिवर्सिटी ऑफ लोवा के शोधकर्ताओं ने दावा किया यह वैक्सीन कोशिकाओं में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए एक हानिकारक वायरस का इस्तेमाल करता है। इसके परीक्षण के बाद कोविड-19 समेत अन्य कोरोना वायरस बीमारियों के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने उम्मीद जगती है।
चूहे पर किया गया इस्तेमाल जर्नल एमबायो में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, यह वैक्सीन एक पैराइंफ्लूएंजा वायरस (पीआई5) है, जिसमें स्पाइक प्रोटीन होता है, जो मर्स कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए इस्तेमाल करता है। मर्स की घातक डोज देने के बावजूद जब चूहे पर इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया तो उसे कुछ नहीं हुआ।अमेरिका की आयोवा यूनिवर्सिटी और जार्जिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की उत्पत्ति के लिए कोशिकाओं में मर्स कोरोना वायरस प्रोटीन पहुंचाने के लिए वैक्सीन में एक वायरस का इस्तेमाल किया गया। चूहे में आजमाई गई यह मर्स वैक्सीन प्रभावी पाई गई है।
नहीं पहुंचाएगी नुकसान इस तरीके से कोविड-19 समेत दूसरे कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन के विकास की राह खुल सकती है। जर्नल एमबायो में प्रकाशित नतीजों के मुताबिक, यह वैक्सीन नुकसान नहीं पहुंचाने वाला पैराइंफ्लुएंजा वायरस (पीआइवी5) है। टीकाकरण किए गए सभी चूहे मर्स कोरोना वायरस की घातक खुराक के बावजूद जीवित पाए गए।