दरअसल एरिन इन होटलों से बचा हुआ साबुन ले लेती हैं और उन्हें फिर प्रोसेस करके दुबारा इस्तेमाल के लायक बनाती हैं।
बचे हुए साबुन को सबसे पहले क्लोरीन वाले पानी से धोया जाता है।
इसके बाद इस साबुन को तोड़कर डिसइंफेक्ट किया जाता है जिससे इसमें कोई गंदगी ना रहे। इसके बाद इस साबुन के मिश्रण को खांचे में डाला जाता है।
इसको फिर नए जैसा बनाकर ये संस्था इसे गरीब बस्तियों में भेजती है यहां के लोगों को बांटती है।