साल 1992 के विश्व कप के दौरान पाकिस्तान के बल्लेबाज़ जावेद मियांदाद ( Javed Miandad ) बल्लेबाज़ी कर रहे थे। टीम इंडिया के उस समय के विकेटकीपर किरण मोरे ( Kiran More ) पीछे से हूटिंग किए जा रहे थे। इसी बात पर जावेद मियांदाद और किरण मोरे में बहस शुरू हो गई। मोरे पीछे से बोले जा रहे थे कि ‘इसे आगे गेंद डालो’ (क्यों कि जावेद को उस समय बैक प्रॉब्लम थी।) अगली गेंद पर जब जावेद दो रन दौड़कर पूरा करने लगे तो मोरे ने कूदकर स्टंपिंग की और रन आउट की अपील की। इसपर जावेद मियांदाद मोरे को चिढ़ाते हुए जम्पिंग जैक की तरह उछलने लगे।
बंगलौर के मैदान में साल 1996 में विश्व कप के दौरान भारत और पाकिस्तान क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान के बल्लेबाज़ आमिर सोहेल ने अपनी हाफ सेंचुरी पूरी करते हुए एक चौका मारा। चौका जड़ते ही आमिर ने भारत के बॉलर वेंकटेश प्रसाद को चिढ़ाया। जैसे मानों इशारे-इशारे में बोल रहे हों “देख जो बोला था वही किया।” इस बात का करारा जवाब देते हुए वेंकटेश ने अगली ही गेंद में सोहेल को क्लीन बोल्ड कर दिया। और इशारा करते हुए मानों यह बोला “देख ले अंजाम।”
2003 के विश्व कप के दौरान भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह और मोहम्मद यूसुफ के बीच बहस हुई। यूसुफ और हरभजन के बीच हुए मज़ाक ने कब झगड़े का रूप ले लिया पता ही नहीं चला। दोनों की बीच ऐसी बहस हुई कि मारपीट की नौबत आ गई थी। दोनों में हुई इस बहस में सीनियर खिलाडियों को बीच बचाव के लिए आगे आना पड़ा।
PTI को दिए इंटरव्यू में हरभजन ने बताया कि- ‘टीम इलेवन में मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ था। लंच के दौरन मैं एक टेबल पर बैठा था और यूसफु व शोएब अख्तर दूसरी टेबल पर बैठे थे। हम दोनों पंजाबी में एक दूसरे की खिंचाई कर रहे थे, तब अचानक उसने (यूसुफ ने) मेरे धर्म को लेकर निजी टिप्पणी कर दी। फिर मैंने भी तुरंत ऐसा ही करारा जवाब दिया। इससे पहले कि कोई समझ पाता, हम दोनों के हाथ में छुरी-कांटे थे और हम अपनी कुर्सी से उठकर एक दूसरे पर वार करने के लिए तैयार थे।’ भारत और पाकिस्तान इस बार के वर्ल्ड कप में सातवीं बार आमने-सामने हैं। उम्मीद है कि इस बार दोनों टीमों के बीच कोई विवाद न हो।