क्या है टिक बोर्न वायरस ( tick-borne virus) ?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये बीमारी एक Tick नाम ते कीड़े के काटने से फैल रही है। इससे पीड़ित शख्स को बुखार और खांसी आती है। सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि मरीज के शरीर से ल्यूकोसाइट (Leukocyte) यानी ब्लड प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। पूर्वी चीन के जियांग्सू प्रांस में इस बीमारी के 37 और अनहुई में 23 मामले सामने आए हैं। वहीं दोनों राज्यों में इस वायरस की वजह से अब तक 7 लोगों मौत भी हो चुकी है।
Tick कीड़े की वजह से फैलlता है ये वायरस
Tick कीड़े की वजह से फैले इस वायरस को लोग tick-borne virus कह रहे हैं लेकिन असल में इसका नाम हुईयांगशान बनयांगवायरस (Huaiyangshan banyangvirus) और इसे आम भाषा में एसएपटीएस (SFTS) वायरस भी कहा जाता है।
हालांकि ये वायरस पहले भी देखा जा चुका है। लेकिन इसका चीन इस तरह से फैलना हैरान करने वाला है क्योंकि साल 2011 में ही इसके पैथोजेन यानी रोगजनकर को इससे अलग कर लिया गया था। लेकिन ये दुबारा से खतरा बन कर सामने आ गया है। वैज्ञानिकों का मामना है कि ये पशुओं के शरीर पर चिपकने वाले किलनी(टिक) जैसे कीड़े से मनुष्य में फैला है और ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
उच्च मामले की मृत्यु दर
रिपोर्ट के मुताबिक मनुष्यों में टिक बोर्न वायरस ( tick-borne virus) संक्रमण में एक उच्च मामले की मृत्यु दर (30% की प्रारंभिक दर) है। रिचर्स के बाद बीमारी नियंत्रण और रोकथाम के लिए चीन के इंफॉर्मेशन सिस्टम के अनुसार SFTSV के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इस समय मामले की घातक दर 10 से 16 प्रतिशत है।
वहीं इस बीमारी को लेकर जेझियांग यूनिवर्सिटी के डॉक्टर शेंग जिफांग (Xiang University doctor Sheng Jifang) का मानना है कि टिक बोर्न वायरस एक मरीज के म्यूकस या खून के जरिए दूसरे स्वस्थ इंसान तक फैल सकता है। उनके मुताबिक कोरोना काल में इस नए वायरस का आना बेहद खतरनाक भी हो सकता है।