एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था के एक कार्यकर्ता को मिली तो उन्होंने एक डेमी ग्राहक बनकर इन चोरों के पास भेजा और उनके साथ दोमुहां सांप को खरीदने की डील 60 लाख रुपये में कर ली। इसी बीच राजेश भावसर और वन विभाग के कर्मचारियों ने इन चोरों को रंगे हाथ पकड़ लिया और उस दोमुहां सांप को बरामत कर लिया। वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह दोमुंहा सांप लकारीब चार फीट लंबा और 3.5 किलो वजन का है। उल्लेखनीय है कि अंधविश्वास के चलते इस सांप की अंतरराष्ट्रीय ब्लैक मार्केट में कीमत एक लाख से लेकर एक करोड़ तक आंकी जाती है।
बता दें कि, दोमुंहा सांप वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत शेड्यूल 5 में आता है। इस सांप में जहर नहीं होता। इसे बिना कागजात के रखना जुर्म है। अगर कोई इस तरह के सांप की कालाबाजारी करता है या फिर बेचता है तो उसे सजा का प्रावधान है। वन विभाग के अधिकारीयों ने साथ ही यह भी बताया कि दोमुंहे सांप को इंटरनेशनल मार्केट में बहुत डिमांड है। इसका उपयोग सेक्स वर्धक सहित कई अन्य दवाएं बनाई किया जाता है। लगभग 60 लाख रुपए में बिकने वाला ये सांप। भारत के अलावा ईरान और पाकिस्तान में पाया जाता है। यह सांप अंधविश्वास के चलते मारा जा रहा है। तांत्रिक लोग इसे तंत्र-तंत्र के लिए मारते हैं। बता दें कि, अंधविश्वास के चलते इस सांप की अंतरराष्ट्रीय ब्लैक मार्केट में कीमत एक लाख से लेकर एक करोड़ तक आंकी जाती है।