वैज्ञानिकों के अनुसार परमाणु बम इतने घातक होते हैं कि इनके गिरने के 10वें सेकंड से भी कम समय में पूरा देश तबाह हो सकता है। इसे जिस इलाके पर गिराया जाएगा वहां की जमीन आग की तरह धधकने लगेगी। इसमें इतनी गर्मी और धूल का गुब्बार निकलेगा कि चारों ओर सफेद तेज चमक पैदा हो जाएगी। इसे आंखों से देखन संभव नहीं होगा। इसके अलावा इससे निकलने वाला रेडिएशन इतना खतरनाक होता है कि इसकी चपेट में आते ही तुरंत मौत हो जाती है। इसका असर कई साल तक रहता है। हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बम का असर आज तक देखने को मिलता है। इससे आने वाली पीढ़ि अपंग या बीमार पैदा होती हैं।
परमाणु बम नाभिकीय विखंडन यानी Nuclear Fission पर काम करते हैं। इस दौरान परमाणु दो टुकड़ों में बंट जाते हैं और भारी मात्रा में ऊर्जा बाहर निकलती है। जबकि हाइड्रोजन बम बनाने के लिए जिस केमिकल रिएक्शन का उपयोग होता है उसे नाभिकीय संलयन यानी Nuclear Fusion कहते हैं। इस दौरान दो परमाणु आपस में जुड़ जाते हैं। तब जो ऊर्जा निकलती है वो परमाणु बम से कई गुना ज्यादा होती है। इनके प्रयोग से पूरे देश को एक झटके में तबाह किया जा सकता है।
परमाणु बम के गिराने से भयंकर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक इससे दुनिया में इतनी गर्मी और धूल पैदा होगी कि आसमान धूल से भर जाएगा। ऐसे में सूरज की रौशन भी धरती पर नहीं पहुंच सकेगी और चारों ओर अंधेरा हो जाएगा। इसमें तापमान भी बाद में अचानक एकदम गिरने लगेगा और पेड़-पौधे, पशु-इंसान सब मरने लगेंगे। इससे न्यूक्लियर विंटर जैसे हालात पैदा होंगे। इस पर अमेरिकन कॉस्मोलॉजिस्ट कार्ल सेगन ने साल 1983 में बात की थी।