जानकारी के लिए बता दें कि, हुई यह घटना कोर्ट की अवमानना के दायरे में आती है। वकील द्वारा 13 साल पहले की गई इस अवमानना पर जस्टिस टीवी नलावडे और विभा कांकणवाड़ी की बेंच ने वकील कंगने पर एक हफ्ते जेल के साथ 2000 रुपए का जुरमाना भी लगाया।
किसी न्यायालय या न्यायधीश द्वारा दिए गए निर्णय की अवहेलना करना या निरादर करना न्यायालय की अवमानना (Contempt of court) कहलाता है। यह एक अपराध है। यह दो तरह से उल्लेखित किया गया है। बता दें कि, किसी न्यायधीश का निरादर करना, न्यायालय में उपद्रव (अशांति) फैलाना (विशेष रूप से, न्यायधीध के चेतावनी देने के बावजूद, किसी न्यायालय के आदेश का जानबूझकर पालन न करना न्यायालय की अवमानना माना जाता है जिसके लिए कोर्ट उचित कार्यवाई भी करता है।