बताया जाता है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के कमलेश और नेपाल के दार्चुला की रहने वाली राधिका की शादी 22 मार्च को होनी थी। मगर कोरोना के कहर के चलते शादी टल गई थी। दोनों परिवार ने इसका आयोजन बाद में करने का फैसला लिया था। मगर लॉकडाउन खुलने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ गई, जिसके चलते विवाह में अड़चनें बढ़ गई। ऐसे में दोनों परिवारों ने सादे तरीके से शादी का आयोजन करने का निर्णय लिया। इसके लिए लड़के ने सरकार से दार्चुला के पुल को खोलने की मांग की। क्योंकि उसे दुल्हन को विदा कराकर भारत लाना था।
आखिरकार उनका सपना पूरा हुआ। सरकार ने थ़ोड़ी देर के लिए पुल को खोलने की अनुमति दी। मगर इतने कम समय में शादी की सारी रस्में निभाना मुमकिन नहीं था। ऐसे में शादी में न तो फेरे हुए और न ही कन्यादान। सिर्फ दूल्हा—दुल्हन ने एक दूसरे को वर माला पहनाई और मंदिर में ही लड़के ने लड़की की मांग भरकर शादी कर ली। इसके बाद दूल्हा, दुल्हन को लेकर उत्तरखांड के पिथौरागढ़ आ गया। इस दौरान भारत और नेपाल के जवान इस अनोखी शादी का हिस्सा बनें। उन्होंने कपल को शादी की शुभकामनाएं दीं।