चूहों व गिलहरियों की वजह से फैलता है यह वायरस दरअसल हंता वायरस पल्मनरी सिंड्रोम (HPS) जिस SARS-C0v-2 की वजह से हुआ था। उसपर काबू पाने के प्रयास कोरियाई युद्ध (1951-1953) के बाद से ही किए जा रहे हैं। इसी वायरस के कारण हेमोरेजिक फीवर विद रेनल सिंड्रोम (HFRS) भी होता है। जैसा कि आप जानते हैं हंता वायरस किसी इंसान की वजह से नहीं बल्कि चूहों और गिलहरियों से फैलता है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) के मुताबिक, यह ऐसे समूह का वायरस है जो खासतौर पर चीजों को कुतरने वाले जीवों (रोडेंट्स, चूहों) से फैलता है। हंता वायरस के कई प्रकार हैं जो रोडेंट्स की अलग-अलग प्रजातियों से फैलते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के मुताबिक वर्तमान में हंता वायरस की करीब 21 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं।
कई रोग सिंड्रोम पैदा करता है वैज्ञानिकों की मानें तो हंता वायरस हवा के जरिए नहीं फैलता फिर भी कोरोना वायरस के मुकाबले यह ज्यादा खतरनाक है। हंता दुनिया भर के लोगों में विभिन्न रोग सिंड्रोम पैदा कर सकता है।
काटने से फैलता है हंता वायरस से संक्रमित चूहे या गिलहरी किसी इंसान को काट लें तो इससे भी संक्रमण फैल सकता है। इस वायरस के फैलने का एक प्रमुख कारण चूहों के मल-मूत्र की जगह के संपर्क में आना है।
जानिए क्या है इसका इलाज सीडीसी के मुताबिक हंता वायरस संक्रमण के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनाई गई है। हालांकि, अगर संक्रमण समय से पहचान लिया जाए तो चिकित्सकों की देखरेख में इसे ठीक किया जा सकता है। सीडीसी का कहना है कि हंता वायरस जानलेवा हो सकता है। अभी तक चीन में 32 लोग हंता वायरस के संदिग्ध हैं जिनकी जांच की जा रही है। चीन में हंता वायरस का ऐसे समय पर आया है जब पूरी दुनिया कोरोना के कहर को झेल रही है।