वर्क फ्राम होम (Work from Home)25 सालों तक चलता रहा है इंसानों का शरीर पूरी तरह से बदल जाएगा। DirectlyApply नाम की कंपनी ने इसका एक मॉडल भी तैयार किया है। जिसमें दिखाया गया है कि लंबे समय तक वर्क फ्राम होम करने के बाद इंसानों का क्या हाल होगा।
we’ll look like in 25 years if we stay working from home
नई दिल्ली। कोविड-19 (Covid-19) आने के बाद क्वारंटीन (Quarantine), सेल्फ आइसोलेशन (Self Isolation) और वर्क फ्रॉम होम (Work from Home) जैसे नए शब्द हमारी जिंदगी का अभिन्न अंग बन गए हैं। न्यू नॉर्मल (New Normel) के ये तौर-तरीके हमारे जीवन का हिस्सा और ये सब कब तक चलेगा? इस बारे में तो फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि कोरोना की वैक्सीन अब भी नहीं बनी है डब्ल्यूएचओ ने भी कहा था कि हो सकता है कि कोरोना हमारे बीच से कभी ना जाए।
Tiktok बैन होने के बाद आया Tiktok Pro, जानें कितना खतरनाक है ये App? ऐसे में लोगों को लंबे समय तक वर्क फ्रॉम होम (Work from Home) करना पड़ सकता है। ऐसे में अगर ये वर्क फ्राम होम 25 सालों तक चलता रहा है इंसानों का शरीर पूरी तरह से बदल जाएगा। DirectlyApply नाम की कंपनी ने इसका एक मॉडल भी तैयार किया है। जिसमें दिखाया गया है कि लंबे समय तक वर्क फ्राम होम करने के बाद इंसानों का क्या हाल होगा।
लंदन की कंपनी है DirectlyApply ने इस मॉडल को Susan नाम दिया है। अगर आप भी वर्क फ्रॉम होम करते हैं तो ये आपके लिए जरूरी है। क्यों इस मॉडल के जरिए घर से काम करते वक्त क्या बदलाव हो रहा है उसे बताया गया है।
जैसा कि आप तस्वीर में देख सकते हैं आप 25 सालों बाद ऐसे भद्दे दिखने लगेगें। डिजिटल आई स्ट्रेन, बालों का झड़ना, डर्क सर्कल्स, खराब पोसचर (गर्दन का झुक जाना) और मोटापे जैसी दिक्कतें बढ़ेंगी। इसके अलावा एक दूसरे से बढ़ती दूरियों की वजह से लोगों के तनाव में इजाफा भी होगा।
इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ (Microsoft CEO) सत्या नडेला (satya nadella) ने भी माना था कि लंबे समय तक घर से काम करना ठीक नहीं है। नडेला के मुताबिक ऐसा करने से कर्मचारियों के सामाजिक संपर्क और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम पड़ सकता है। सत्या नडेला ने कहा था कि वीडियो कॉन्फ्रेंस किसी भी कीमत पर ऑफिस की मीटिंग की जगह नहीं ले सकता। ‘घर से काम करने के कारण कर्मचारी अपने समाज के दूर हो सकता है। उसके सामाजिक सूत्र खत्म हो सकते हैं। इसके अलावा घर से काम करना कर्मचारियों के लिए मानसिक और शारीरिक तौर पर भी खतरनाक है।
वहीं कोरोना (Coronavirus) की बात करें तो इसका संक्रमण अभी भी तेजी से बढ़ रहा है। ताजे आंकड़ों के मुताबिक 1.5 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 5.6 लाखों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर के हर देश इस वायरस की वैक्सीन खोजने में लगे हुए हैं लेकिन किसी के हाथ सफलता नहीं लगी है।