स्पेन: साल 2002 से स्पेन में विदेशियों की सेना में भर्ती होना शुरू हुआ था। उस समय उपनिवेशों के नागरिकों को मौका दिया जाता था। बाद में इसमें मोरक्को को मिलाया गया। यहां सेना में कई ऐसे लोग भी हैं जो स्पेन के वासी नहीं हैं। ऐसा होने पर विदेशियों का कोटा 2 फीसदी से बढ़ कर अब 9 फीसदी हो गया।
अमरीका: जान लें कि अमरीका की सेना में ग्रीन कार्ड रखने वाले और स्थाई निवासी ही शामिल हो सकते हैं। साल 2002 में राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने गैर-अमरीकी सैनिकों की नागरिकता को आसान और तेज बनाने के आदेश दिए। तब से हर साल यहां सेना में 8,000 विदेशी नागरिक सेना में भर्ती होते हैं। इनमें ज्यादातर मेक्सिको और फ्रांस के लोग हैं। इसी तरह पलाउ और माइक्रोनेशिया के लोग भी सेना में भर्ती हो सकते हैं।
बेल्जियम: बेल्जियम की बात करें तो साल 2004 से यहां की सेना में 18-34 साल के यूरोपीय नागरिकों की सैनिक के रूप में भर्ती शुरू की गई।
आयरलैंड: आयरलैंड यूरोपीय संघ समेत आइसलैंड, लिश्टेनश्टाइन और नॉर्वे के लोगों को सेना में शामिल करता है। यहां दूसरे देश से रहने आए लोग अगर 3 साल से ज्यादा समय से आयरलैंड में रह रहे हों, तो वे भी सेना में भर्ती हो सकते हैं।
लग्जमबर्ग: लग्जमबर्ग भी यूरोपीय नागरिकों को अपनी सेना में जगह देता है। आयरलैंड की तरह ये भी उन्हीं विदेशियों को भर्ती करता है जो वहां करीब 3 साल से ज्यादा वक्त से रह रहे हों। यहां सेना में भर्ती होने की उम्र 18 से 24 साल के बीच होनी चाहिए।
डेनमार्क: डेनमार्क में रहने वाले विदेशी लोग यहां की सेना में भर्ती होने के लिए आवेदन दे सकते हैं। बशर्ते उन्हें डैनिश भाषा बोलनी आनी चाहिए।
फ्रांस: फ्रांस का फॉरेन लीजन अनोखा है। ये सबसे पुरानी सिर्फ विदेशी सैनिकों की शाखा है जो अब भी सक्रिय है। ये शाखा सन 1831 से यहां सक्रीय है। जो अब भी फ्रेंच सेना के अधिकारियों से आदेश पर चलती है। खास बात यह है कि इसमें शामिल लोग 3 साल की नौकरी के बाद ही फ्रांस की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
रूस: रूस की सेना में शामिल होने के नियमों को 2010 में रूस ने कुछ आसान कर दिया। यहां रूसी भाषा बोलने वाले गैर-रूसी लोग 5 साल के करार पर सेना में जा सकते हैं। 3 साल बाद नागरिकता के भी कई विकल्प मिलते यहां मिलते हैं।