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हार के बाद भी अगर Donald Trump गद्दी सौंपने से इनकार कर दें तो क्या होगा ?

locationनई दिल्लीPublished: Sep 30, 2020 11:45:10 am

Submitted by:

Vivhav Shukla

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि जरूरी नहीं कि हारने पर भी वे सत्ता को शांति से छोड़ देंगे
 

Donald Trump

Donald Trump

नई दिल्ली। चुनाव से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर चुके हैं। दरअसल, ट्रंप ने हाल ही में घुमाफिरा कर कहा था कि जरूरी नहीं कि हारने पर भी वे सत्ता को शांति से छोड़ देंगे। ये बात उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कही। हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि उन्हें यकीन है कि वे ही जीतेंगे। इससे पहले ट्रंप ने एक इंटरव्यू के दौरान भी कहा था कि वे चुनाव परिमाण को स्वीकार कर ही लेंगे, ऐसा पक्का नहीं है।

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इन बयानों के बाद ये सवाल उठ रहा है क्या हो अगर चुनाव में हार के बाद ट्रंप सत्ता सौंपने से इनकार कर दें? क्या ऐसा हो सकता है कि हारी हुई पार्टी विजेता पार्टी को सत्ता देने से इनकार कर दें।

द अटलांटिक में छपी एक रिपोर्ट में कानूनविद लॉरेंस डगलस ने बताया है कि अमेरिकी संविधान में सत्ता के शांतिपूर्वक हस्तांतरण की बात नहीं करता है, बल्कि वो इसका अनुमान लगा लेता है कि ऐसा ही होगा।

लॉरेंस के मुताबिक अमेरिकी संविधान में इसे लेकर कोई बात नहीं लिखी गई है। ऐसे में अगर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) सच में हार के बाद भी सत्ता जीती पार्टी को देने से इनकार कर दे तो ये हालात भयावह हो सकते हैं। लॉरेंस ने इस मुद्दे पर पूरी एक किताब लिख डाली है। जिसका नाम विल ही गो (Will He Go?) है। इस किताब में बताया गया है कि अगर कोई अमेरिकी प्रेसिडेंट हार के बाद पद छोड़ने से इनकार कर दे तो क्या हालात बन सकते है।

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बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई सारे गणित काम करते हैं। यहां कम या ज्यादा वोट से हार-जीत नहीं होती है। साल 2016 में ट्रंप का वोट काउंट हिलेरी क्लिंटन से 3 मिलियन कम था लेकिन वही राष्ट्रपति बने। यहां ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि यहां राष्ट्रपति जनता के वोट से नहीं बनता, बल्कि इसके लिए इलेक्टोरल कॉलेज के हिसाब से तय किया जाता है।

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इलेक्टोरल कॉलेज जनता के वोट से बनती है। जनता के वोट से अधिकारियों का एक समूह बनता है जो राष्ट्रपति चुनते हैं। उप-राष्ट्रपति भी यही बॉडी चुनती है। इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 538 सदस्य होते हैं लेकिन हर स्टेट की आबादी के हिसाब से ही उस स्टेट के इलेक्टर्स चुने जाते हैं।

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