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क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव, क्या होते हैं इसके नियम और क्यों आती है इसकी नौबत..

Published: Jul 20, 2018 11:59:44 am

Submitted by:

Sunil Chaurasia

अविश्वास प्रस्ताव के हालात तब पैदा होते हैं जब संसद में बैठे विपक्ष को ऐसा लगता है कि सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है।

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क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव, क्या होते हैं इसके नियम और क्यों आती है इसकी नौबत..

नई दिल्ली। मोदी सरकार के आखिरी मानसून सत्र की शुरूआत हो चुकी है। 18 जुलाई से शुरू होते ही मानसून सत्र देश भर की सुर्खियों में आ गया है। लेकिन इसके पीछे एक बड़ी वजह है मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव। जी हां, अविश्वास प्रस्ताव की वजह से भी संसद का यह सत्र काफी ट्रेंड कर रहा है। हर बार की तरह इस बार भी सत्र की शुरूआत हंगामेदार रही, जिसकी पहले से ही बातें की जा रही थीं। बता दें कि एनडीए वाले गठबंधन की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। संसद में बैठे विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए संसद में अविश्वास प्रस्ताव रखा, जिसे लोकसभा अध्यक्षा ने स्वीकार कर लिया।
चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ये अविश्वास प्रस्ताव है क्या, और इसके नियम कानून क्या हैं?
लोकसभा का कोई भी सदस्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा अध्यक्ष को सौंप सकता है। इसके लिए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले सदस्य को एक लिखित पत्र लिखना होता है। बता दें कि संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए विपक्षी दलों के कुल सदस्यों की संख्या कम से कम पचास होनी चाहिए। अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मिलने के बाद लोकसभा अध्यक्ष उसकी जांच करते हैं, जिसके उचित पाए जाने के बाद ही उसे स्वीकार किया जाता है। जिसके दस दिनों के भीतर सरकार के खिलाफ स्वीकार किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाती है। अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष उस पार्टी या दल के किसी एक सदस्य को संसद में प्रस्ताव पेश का आदेश देते हैं।
क्यों दिया जाता है अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस
अविश्वास प्रस्ताव के हालात तब पैदा होते हैं जब संसद में बैठे विपक्ष को ऐसा लगता है कि सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है। सीधे शब्दों में कहें तो सरकार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना उस स्थिति में करना पड़ता है जब विपक्षी दलों को लगता है कि उन्होंने सदन में मौजूद सदस्यों का बहुमत खो दिया है।
मोदी सरकार पर नहीं पड़ेगा अविश्वास प्रस्ताव का कोई असर
18 जुलाई को कांग्रेस और टीडीपी द्वारा लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस का कोई भी बुरा असर मोदी सरकार पर नहीं पड़ने वाला। क्योंकि लोकसभा में एनडीए गठबंधन के पास 311 सदस्यों का समर्थन है, जिससे विपक्षी पार्टी को पार पाना काफी मुश्किल पड़ जाएगा। फिलहाल मोदी सरकार को कोई चमत्कार ही परेशान कर सकता है।
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