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क्या है भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम? यहां जान लीजिए कैसे हुआ भारत-पाकिस्तान में बंटवारा

Published: Jul 03, 2019 05:28:37 pm

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

भारत को विभाजन से पहुंचा काफी नुकसान
अंग्रेजों ने कई सालों तक किया भारत पर राज

Indian Independence act 1947

क्या है भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम? यहां जान लीजिए कैसे हुआ भारत-पाकिस्तान में बंटवारा

नई दिल्ली: भारत पर कई सौ सालों तक अंग्रेजों ने राज किया, लेकिन जब भारत को आजादी मिली तो भारत का विभाजन हो गया और दुनिया के सामने भारत और पाकिस्तान ( Pakistan ) नाम के दो देश आए। जहां आज भारत तरक्की की नई सीढ़ियां चढ़ रहा है, तो पाकिस्तान कहीं न कहीं अब भी अपनी पुरानी गलतियों को दोहराते हुए आगे नहीं बढ़ पा रहा। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इन दोनों देशों में बंटवारा हुआ कैसे क्योंकि आज ही के दिन साल 1947 में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम को ब्रिटेन की संसद ( parliament ) में पेश किया गया था।

 

Indian Independence act 1947

क्या है ये अधिनियम

4 जुलाई 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 ( Indian Independence act 1947 ) को यूनाइटेड किंगडम की पार्लियामेंट में पेश किया गया था। इस अधिनियम के तहत ब्रिटेन ( Britain ) शासित भारत को दो स्वतंत्र उपनिवेशों, भारत तथा पाकिस्तान में विभाजित किया गया था। इस अधिनियम को 18 जुलाई 1947 को शाही परिवार की सहमति मिली, जिसके बाद 15 अगस्त को भारत और 14 अगस्त को पाकिस्तान अस्तित्व में आया। इस अधिनियम के तहत 15 अगस्त 1947 से प्रभावी रुप में ब्रिटिश भारत का दो नए और पूरी तरह से प्रभुत्व सम्पन्न उपनिवेश, भारत और पाकिस्तान में विभाजन किया गया।

Indian Independence act 1947

बंटवारे ने भारत को पहुंचाया नुकसान

अंग्रेजों ने भारत पर कई सालों तक राज किया। लेकिन जब उन्हें भारत छोड़ना पड़ा तब भी उन्होंने चाहा कि उन्हें भारत से अधिक से अधिक लाभ मिल सके। इसके लिए उन्होंने विभाजन का तरीका अपनाया। विभाजन की इस योजना ने भारत को जितनी क्षति पहुंचाई उतनी दूसरी कम ही चीजों ने पहुंचाई होगी। 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 395 और 1956 के पाकिस्तान के संविधान ( Constitution ) अनुच्छेद 221 को रद्द कर दिया गया था। इस अधिनियम ने दोनों नए देशों के गठन करने के लिए विधानसभाओं का निर्माण भी किया। ऐसे में इस बात को किनारे नहीं किया जा सकता कि इस विभाजन से भारत को काफी नुकसान पहुंचा।

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