करीब 60 साल पहले भारत और चीन के युद्ध (Sino-Indian War) के बाद ये दूसरा मौका है जब देश में चीन को लेकर इतना गुस्सा है। सोशल मीडिया पर तो लोग भारत सरकार से चीन के साथ लड़ने की बातें तक कह रहे हैं। हालांकि भारत सरकार अब भी बात-चीत के जरिए मामले को सुलझाने में लगी है। लेकिन अगर भारत को चीन के साथ युद्ध करना पड़ा तो इस बार भारत पहले से बहुत मजबूत हो चुका है।
पहले से मजबूत है भारत अमेरिका के बॉस्टन और वॉशिंग्टन में हुए ताज़ा अध्ययन के मुताबिक पहाड़ी इलाकों की भौगोलिक स्थितियों में भारत, चीन से बहुत बेहतर स्थिति में है। लद्दाख ( Ladakh Border ) के गलवान वैली ( Galwan Valley ) जहां संघर्ष हुआ, वहां भी भारत की भौगोलिक स्थिति मज़बूत है लेकिन अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो ये एक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का मुद्दा बन जाएगा। ऐसे स्थिती में कई देश इन दोनों में से किसी एक का साथ देंगे।
युद्ध होता है तो कौन से देश (India Allies) भारत का साथ देगें? CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ सालों में कुछ भारत और अमेरिका सैन्य लिहाज़ से और नज़दीक आए हैं। दोनों देशों में पहले से अच्छे संबंध भी बने हैं। ऐसे में अगर चीन से भारत का युद्ध होता है तो अमेरिका भारत का साथ दे सकता है। इतना ही नहीं वॉशिंग्टन ने तो यहां तक कहा कि ‘भारत उसका प्रमुख रक्षा साथी’ है और दोनों देशों के बीच कई स्तरों पर आपसी रक्षा संबंध हुए हैं।
लेकिन अमेरीका शायद भारत का खुल के साथ नहीं देगा। रिपोर्ट के मुताबिक चीन हिमालय क्षेत्र में अपने ही बलबूते पर युद्ध कर सकता है, ऐसे में युद्ध की स्थिति में अमेरिका इंटेलिजेंस और निगरानी के तौर पर भारत को युद्धभूमि के स्पष्ट ब्योरे देकर मदद कर सकता है।
अगर चीन अपने अंदरूनी इलाकों से भारत की पहाड़ी सीमाओं तक अपनी फौजें लेकर आता है, तो अमेरिका अपनी तकनीक के ज़रिये भारत को अलर्ट करेगा। इससे भारत हमले का जवाब देने के लिए अपनी तरफ से अतिरिक्त फौजों की तैयारी कर सकेगा।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के साथ अभ्यास करने वाले पश्चिमी सैन्य दलों ने हमेशा भारत के दलों की तारीफ की है। इन देशों में अमेरिका के अलावा, जापान, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया है। चीन के साथ युद्ध के हालात में ये सभी देश भारत की मदद कर सकते हैं।
अब बात करते हैं चीन की। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और रूस को चीन का रणनीतिक साथी माना जा रहा है । हालांकि रूस के भारत से भी अच्छे संबंध हैं ऐसे में ये नहीं कहा जा सकता है कि रूस किसका साथ देगा। लेकिन हमारा पड़ोसी पाकिस्तान चीन की तरफ हमेशा खड़ा रहेगा। पाकिस्तान के अलावा, उत्तर कोरिया और मिडिल ईस्ट के किसी देश का चीन को मिलने के भी कयास हैं।
Corona करेगा भारत की मदद ! युद्ध की स्थिती में कोरोना भी भारत की मदद करेगा। दरअसल, ज्यादातर देशों का मानना है कि कोरोना महामारी चीन की देन है। अमेरिका तो शुरु से ही कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहता आ रहा है। बि्रटेन भी कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार मानता आ रहा है। ऐसे में युद्ध होता है तो भारत का साथ दे सकते हैं।
डी10 से मिलेगा भारत को फायदा यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मई के आखिर में एक नए अंतर्राष्ट्रीय मंच डी10 का के बारे में कहा था। इस गठबंधन में जी7 के सात देश कैनेडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और अमेरिका तो शामिल होंगे ही, साथ में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया भी इसका हिस्सा होंगे। इस डी10 गठबंधन का मकसद पूरी तरह से साझा लाभ और चीन के खिलाफ रणनीतिक एकजुटता बताया जा रहा है