एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर देशों में ऐसे लोगों की वजह से ही कोरोना संक्रमण (Corona infection) तेजी से फैला है। भारत में बढ़ते कोरोना के लिए यही लोग जिम्मेदार बताए जा रहे हैं। बीते महीने में गुजरात के अहमदाबाद में कई सुपर स्प्रेडर मिले। इसके बाद बंदी और सख्त हो गई। अधिकारियों ने डर जताया कि सुपर स्प्रेडर अगर बाहर निकले तो संपर्क में आए सभी लोगों को कोरोना हो सकता है।
सुपर स्प्रेडर (Super spreader) क्या होता है?
जिन लोगों में बीमारी फैलाने की क्षमता सबसे अधिक होती है उन्हें ही सुपर स्प्रेडर (Super spreader) कहा जाता है । कोरोना के मामले में भी बढ़ते संक्रमण के लिए यही लोग जिम्मेदार है। एक स्टडी के मुताबिक आम कोरोना (Corona) मरीज के जरिए वायरस 1 से 3 लोगों तक पहुंचता है। जबकि सुपर स्प्रेडर से ये आंकड़ा सैकड़ों में हो जाता है। स्टडी की माने तो हर फैलने वाली बीमारी के 80 प्रतिशत मामलों के जिम्मेदार केवल यही लोग होते हैं।
कौन लोग होते हैं सुपर स्प्रेडर (Super spreader)?
अब सवाल ये ही कि सुपर स्प्रेडर (Super spreader) कौन लोग होते हैं और कैसे पता चलेगा कि कौन मरीज कितना संक्रामक है? फिलहाल इस सवाल को कोई जवाब नहीं मिल पाया है। हालांकि एक औसत निकालते हुए माना गया कि 2 या 3 लोगों को बीमार करने की जगह अगर किसी से लगभग 10 लोग संक्रमण की चपेट में आएं तो उसे सुपर स्प्रेडर माना जा सकता है।
10 प्रतिशत मरीजों से ही 80 प्रतिशत संक्रमण फैलता है
London School of Hygiene and Tropical Medicine की एक स्टड़ी में पता चला है कि कोरोना सुपर स्प्रेडर को इपिडेमियोलॉजिस्ट एडम कुर्चेस्की कहते हैं। स्टड़ी के मुताबिक 10 प्रतिशत मरीजों से ही 80 प्रतिशत संक्रमण फैलता है।हालांकि इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है कि कुछ लोगों से बीमारी तेजी से क्यों फैलती है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात की जांच में लगे हुए हैं।
वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक कुछ के शरीर में वायरस तेजी से बढ़ते हैं। इससे उनमें वायरल लोड काफी ज्यादा हो जाता है. तब ऐसा मुमकिन है कि उनके सांस लेने पर हर बार काफी ज्यादा वायरस फैलते हों। ऐसे में संपर्क में आने वालों के बीमार होने का डर ज्यादा रहता है। हाल ही में दक्षिण कोरिया के Shincheonji Church of Jesus चर्च में सुपर सप्रेडर्स के कई मामले सामने आए। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक अकेले कोरोना मरीज ने लगभग 5 हजार लोगों को संक्रमित किया है। मरीज की पहचान गुप्त रखने के लिए उसे पेशेंट 31 नाम दिया गया है