फिल्मी स्टायल में ऑटो वाले ने चेन स्नेचर को पकड़ा, पुलिस ने दिया इतना बड़ा इनाम Donkey (गधा) हठी स्वभाव का जानवर है, मगर इससे आसानी से सारे काम कराए जा सकते है। गधे की सहनशक्ति भी बहुत ज्यादा होती है। इसी के चलते उसे रेगिस्तान का जानवर भी कहा जाता है। यह तंग जगह में भी ठीक से चल सकता है। इसके अलावा Donkey अपने लंबे कानों के कारण दूसरे गधे की आवाज 10 मील की दूरी से ही सुन सकता है। गधे की याददाश्त भी बहुत तेज होती है। जानकारों के मुताबिक Donkey (गधा) अपने साथी को 30 साल बाद भी पहचान सकता है।
गधे को सबसे समझदार प्राणियों की श्रेणी में रखा जाता है। इसके बावजूद पूरी दुनिया में गधे को महामूर्ख समझा जाता है। लोगों के मुताबिक Donkey (गधा) अपनी ईमानदारी और सरल स्वभाव के चलते मूर्ख समझा जाता है। वो कड़ी मेहनत करके भी वो दर्जा हासिल नहीं कर पाता है जो दूसरे जानवर कर लेते हैं। गधे को चालाकी नहीं आती है इसी की वजह से वो बोझ उठाने का काम करता है। ज्यादातर मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों की रोजी-रोटी के लिए गधे का इस्तेमाल किया जाता है।
Donkey कभी खुद के बारे में नहीं सोचता है। वो सारी परिस्थितियों में एडजस्ट कर लेता है। इसी के चलते लोग उसे मूर्ख समझते हैं। Donkey (गधा) बेहद ही रूखा-सूखा भोजन करके भी लंबे समय तक जिंदा रह सकता है। Donkey (गधा) बुद्धिमान होने के बावजूद अपने फायदे के लिए अक्ल नहीं लगता है। तभी वो नकल में भी फेल हो जाता है। उदाहरण के तौर पर एक घोड़े की पीठ पर नमक की बोरी रखी जाती है इससे घोड़े को चलने में दिक्कत होती है। तो वो पानी पीने के बहाने रुक जाता है। इससे बोरी से नमक पिघलकर कम हो जाता है। नतीजतन उसके पीठ पर रखा भार कम हो जाता है। वहीं घोड़े के बगल में एक Donkey (गधा) चल रहा होता है। उसकी पीठ पर रुई रखी होती है। वो सोचता है कि घोड़े की तरह वो भी पानी पीने के बहाने नदी में जाए तो उसका भी भार कम हो जाएगा। मगर गधे के पानी में जाते ही रुई गीली हो जाती है, जिससे उसके पीठ पर रखा वजन और ज्यादा भारी हो जाता है। इससे उसे ही दिक्कत होती है।