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भारत में फांसी देने के बाद क्यों जला दिया जाता है फंदा, जानिए इसके पीछे का कारण

Published: Feb 26, 2021 06:57:12 pm

Submitted by:

Pratibha Tripathi

दुनियाभर में 10वीं सदी से शुरू हुई फांसी की प्रथा
हमारे देश में फंदे को जला दिया जाता है

 hanging rope

hanging rope

नई दिल्ली। साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप में गुनहगार रहे चार लोगों को फांसी के फंदे पर लटकाया था ऐसा पहली बार हुआ था जब देश में एक साथ चार लोगों को फांसी की सजा दी गई थी अब एक और केस इन दिनों सुर्खियो में है जिसमें एक महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है। अमरोहा में अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम को अब फांसी दी जाने वाली है। अब लोगों के मन में एक सवाल भी उठ रहा है कि जिस फंदे को पूरी देखरेख के साथ बनाया जाता है उसका बाद में क्या किया जाता है? आमतौर पर हमारे भारत देश में फांसी देने के बाद उस फंदे को जला दिया जाता है, लेकिन कुछ जगह ऐसी भी है जहां पर लोग इसे अपने घर पर सुरक्षित रखते है। आज हम आपको बताते है फंदे को लेकर दुनियाभर में कई तरह के अंधविश्वास प्रचलित रहे हैं।

बता दें कि दुनियाभर में फांसी के लिए फंदे को लेकर कई तरह के अंधविश्वास जुड़े हुए है जिसे लोग आज भी मानते आ रहे है। इसी के बीच ब्रिटेन जैसे देश में जब फांसी दी जाती थी तो उस रस्सी को जलाने के बजाए जल्लाद को दे दिया जाता था। लेकिन यहां पर यह अंधविश्वास फैला हुआ है कि अगर इस रस्सी के टुकड़े को घर पर रखें या फिर इसके एक टुकड़े का लॉकेट पहनें तो इससे किस्मत पलट सकती है। इतिहास में इस बात का उल्लेख भी मिलता है कि ब्रिटेन में जल्लाद इन रस्सी के कई टुकड़े करता है और उसे बेच देते थे और लोग खुशी-खुशी उन्हें खरीदते थे। हालांकि, साल 1965 में ब्रिटेन में फांसी पर रोक लगा दी गई।

इतना ही नहीं ब्रिटेन में जब फांसी देने के बजाए फरसे से धड़ और सिर को अलग करके मौत की सजा दी जाती थी, तो उस समय लोगों में यह अंधविश्वास था कि अगर मारे गए शख्स के शरीर के अंग घर पर ले आए तो ऐसा करने से ना केवल बीमारियां दूर होती हैं, बल्कि ये सौभाग्य भी लाता है। जब किसी को ये सजा दी जाती थी, तो अपने घरों से ऐसे कपड़े लाते थे, जिससे वो शव के खून से कपड़ों को डूबो सकें। लोगों का ये विश्वास था कि इस कपड़े को घर में रखने से भाग्य बेहतर काम करेगा।

हालांकियह प्रथा इसी देश में नही है फ्रांस में भी जल्लाद इस खून को ऊंचे दामों में बेच देते थे, जबकि चीन में इस खून को इकट्ठा किया जाता था और इसका इस्तेमाल औषधियों में किया जाता था। ब्रिटेन की पब्लिक इंटरेस्ट ला जनरल में इस बारे में विस्तार से बताया गया है।

ब्रिटेन और यूरोप के देशों में एक अंधविश्वास ये भी था कि अगर कोई फांसी के इस्तेमाल किए जा चुके फंदे को छू ले तो त्वचा, पेट और गले की कई बीमारियां से उसे छुटकारा मिल सकता है।

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