scriptदिल्‍ली पुलिस ने ‘बंद’ की बुराड़ी कांड की फाइल बस ‘विसरा रिपोर्ट’ का इंतजार, जानें क्यों की जाती है ये जांच | why would viscera checked by police in burari case | Patrika News

दिल्‍ली पुलिस ने ‘बंद’ की बुराड़ी कांड की फाइल बस ‘विसरा रिपोर्ट’ का इंतजार, जानें क्यों की जाती है ये जांच

Published: Jul 14, 2018 09:28:11 am

Submitted by:

Priya Singh

अब बस पोलिस को विसरा रिपोर्ट का इंतजार है जिसके बाद बुराड़ी कांड की फाइल बंद कर दी जाएगी।

why would viscera checked by police in burari case

दिल्‍ली पुलिस ने ‘बंद’ की बुराड़ी कांड की फाइल बस ‘विसरा रिपोर्ट’ का इंतजार, जानें क्यों की जाती है ये जांच

नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी कांड में एक घर में 11 मौतों के मामले में अब घर की सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस अंततः फाइल बंद करने का सोच रही है। अब तक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह तो साफ हो गया था कि मरे 11 सदस्यों में से 10 की मौत फांसी से ही हुई है और इनमें से किसी सदस्य के शरीर पर चोट के निशान नहीं पाए गए हैं लेकिन घर की सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनकी मौत की वजह भी फांसी लगने से ही बताई गई है। अब बस पोलिस को विसरा रिपोर्ट का इंतजार है जिसके बाद बुराड़ी कांड की फाइल बंद कर दी जाएगी। आइए हम आपको बताते हैं क्या होती है विसरा रिपोर्ट और क्यों की जाती है आखिर विसरा जांच क्या है और इसकी जरुरत कब पड़ती है?

why would viscera checked by police in burari case

कानूनी जानकारों के अनुसार, अगर मौत संदिग्ध परिस्थिति में हो और अंदेशा हो कि जहर से मौत हुई है तो विसरा की जांच की जाती है। जब भी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ-साथ कई बार विसरा की जांच की जाती है। व्यक्ति की मौत के बाद रासायनिक परीक्षण के लिए मृतक के लीवर, किडनी, आंतें सहित अन्य अंग लिए जातें हैं, इसे विसरा प्रिजर्व करना कहते हैं। विसरा सैम्पल को कैमिकल में संरक्षित रखा जाता है। विसरा सैम्पल की जांच फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) में की जाती है।

why would viscera checked by police in burari case

अगर किसी की एक्सीडेंट में मौत हो जाए या किसी की गोली मारकर हत्या कर दी जाए तो ऐसे शव का सिर्फ पोस्टमॉर्टम किया जाता है। ऐसे मामले में आमतौर पर विसरा जांच की जरुरत नहीं होती, लेकिन डेड बॉडी देखने के बाद अगर मौत संदिग्ध लगे यानी जहर देने की आशंका हो तो विसरा की जांच की जाती है। विसरा जांच में तब जरूर की जाती है जब डेड बॉडी नीली पड़ी हुई हो, जीभ, आंख, नाखून आदि नीला पड़ा हुआ हो या मुंह से झाग आदि निकलने के निशान हों तो जहर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो