कोरिया में तो महिलाएं सोशल मीडिया पर ‘हैशटेग नो मैरिज वुमन’ अभियान चला रही हैं। इसके जरिए महिलाओं को 4 चीजों से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है। जिसमें नो डेटिंग, नो सेक्स, नो मैरिज और नो चिल्ड्रन जैसी बातों पर अम्ल करने के लिए कहा गया हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के शादी न करने की वजह से यहां कई मैरिज हॉल को बंद कर दिया गया हैं। अब ये समस्या इतनी बढ़ चुकी है कि यहां युवाओं को शादी के लिए प्रोत्साहन राशि तक दी जा रही है। लेेकिन फिर भी इस समस्या से निजात नहीं मिल रही है।
द. कोरिया में एक दशक पहले लगभग 47% महिलाएं मानती थी कि शादी जरूरी है। लेकिन पिछले साल यह आंकड़ा 22.4% तक गिर गया। जिस वजह से यहां सरकार शादी करने और पिता बनने के लिए प्रोत्साहन योजना को शुरू किया है।
सिओल के कई स्कूलों में पढ़ने के लिए बच्चों की कमी के कारण स्कूल तक बंद किए जा रहे हैं। कोरिया में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जो कठोर पितृसत्तात्मक सोच को नकार रही है। कोरिया की ही तरह जापान के युवा भी शादी से परहेज करने लगे हैं।
जबकि पहले से ही जापान की आबादी तेजी से बुढ़ापे की तरफ बढ़ रही है। इसकी वजह से यहां समाज और अर्थव्यवस्था दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में अब इस नई समस्या से दोनों देश की सरकार निपटने के लिए पुरजोर कोशिश में लगी हैं।