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World Indigenous People’s Day: भारत के सबसे खतरनाक आदिवासी, जो दुश्मनों का सिर काट घर पर टांग देते हैं !

World Indigenous People’s Day: वैसे तो देश में कई आदिवासी जनजातियां (Indigenous ) है लेकिन सबसे खतरनाक कोंयाक आदिवासी (Konyak tribal) को माना जाता है। नागालैंड के कोंयक आदिवासी दुनिया में हेड हंटर के नाम से भी जाने जाते हैं।
 

Aug 09, 2020 / 03:57 pm

Vivhav Shukla

India's most dangerous tribal

India’s most dangerous tribal

नई दिल्ली। विश्व आदीवासी दिन (World Indigenous People’s Day) हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1994 में हुई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन उपलब्धियों और योगदानों को याद करना है जो मूलनिवासी लोग पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं।

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विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (World Indigenous People’s Day) पहली बार संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था, जिसे हर साल विश्व के आदिवासी लोगों (1995-2004) के पहले अंतर्राष्ट्रीय दशक के दौरान मनाया जाता है।

वैसे तो देश में कई आदिवासी जनजातियां (Indigenous ) है लेकिन सबसे खतरनाक कोंयाक आदिवासी (Konyak tribal) को माना जाता है। नागालैंड के कोंयक आदिवासी दुनिया में हेड हंटर के नाम से भी जाने जाते हैं।

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बताया जाता है कि अगर इनमें ले कोई अपने दुश्मन का सर काट कर लाता है तो उसे बहतु ही गर्व की बात समझा जाता है और गांव वालों को भरोसा दिलाने के लिए भी सर काट कर गांव में लाया जाता था। हालांकि आज हेड-हंटिंग लगभग खत्म हो चुका है।

कोंयाक आदिवासियों (Konyak tribal) को बेहद खूंखार माना जाता है । बताया जाता है कि ये अपने क़बीले की सत्ता और ज़मीन पर क़ब्जे के लिए वे अक्सर पड़ोस के गांवों से लड़ाईयां किया करते थे। हत्या या दुश्मन का सिर धड़ से अलग करने को यादगार घटना माना जाता था और इस कामयाबी का जश्न चेहरे पर टैटू बनाकर मनाया जाता थ।

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कोंयाक आदिवासियों (Konyak tribal) की एक और खास बात है। दरअसल, इनके पास भारत के साथ-साथ म्यांमार (Myanmar) की नागरिकता है। इनका गांव लोंगवा (Longwa) है भारत के नागालैंड राज्य के मोन जिला में पड़ता है। ये ऐसा गांव है जिसका आधा हिस्सा भारत में पड़ता है और कुछ हिस्सा म्यांमार (Myanmar) में पड़ता है।

 

 

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