आपको बता दें कि मलेरिया से हर साल अफ्रीका में मलेरिया की वजह से 2,50,000 बच्चों की जान चली जाती है यही नहीं इनमें लाखों की संख्या में वयस्क लोग भी शामिल हैं। मतलब दुनियाभर में मलेरिया से होने वाली मौतों में 90 प्रतिउशत मौतें सिर्फ अफ्रीकी देशों में होती हैं।
दरअसल अफ्रीका में मलेरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप होने के पीछे कई वजहें हैं जिनमें गर्मी सबसे बड़ा कारण हैं। दरअसल गर्म जगहों पर मच्छर सबसे ज्यादा पाए जाते हैं ऐसे में यहां पर इस बीमारी से बचने के लिए ज्यादा प्रयास भी नहीं किए जाते हैं जिस वजह से बच्चे जल्दी इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
अब बना लिया गया है टीका पिछले कई सालों से मलेरिया का दंश झेल रहे अफ्रीका में अब मलेरिया का टीका लांच किया गया है जिसे लगवाने के बाद इस बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है। इस टीके पर कई सालों से काम चल रहा था लेकिन इसे बनाने में सफलता नहीं मिल पा रही थी लेकिन अब वैज्ञानिकों को मलेरिया वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल हुई है। ऐसे में अब अफ्रीकी देशों में मलेरिया के मामलों में भारी कमी आने की उम्मीद है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) के मौके पर इस वैक्सीन को लाया जाएगा। इस टीके का नाम RTS,S रखा गया है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि अफ्रीकी महाद्वीप के दो देशों घाना और केन्या में इस टीके की लॉन्चिंग अगले कुछ हफ्तों में होगी। नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NVBDCP) के अनुसार साल 2016 में मलेरिया के कुल 1,090,724 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 331 लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई थी।
मलेरिया के परजीवी को बेअसर करेगा यह टीका लगाने के बाद प्रतिरोधक तंत्र इतना मजबूत हो जाता है कि मलेरिया का परजीवी ( प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम ) शरीर में घुसते ही बेअसर हो जाएगा। अफ्रीका महाद्वीप पर इस परजीवी का सर्वाधिक प्रकोप है।