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World Music Day 2019: इस गाने को सुनने के बाद कई लोगों ने कर लिया था सुसाइड, जानें क्या है पूरा मामला

locationनई दिल्लीPublished: Jun 21, 2019 10:54:22 am

Submitted by:

Priya Singh

World Music Day को आधिकारिक रूप से 21 जून 1982 से मनाया जाता है
Gloomy Sunday को सुन हंगरी के लोग कर रहे थे आत्महत्या
Rezső Seress द्वारा लिखे इस गाने ने फैलाया था मिथक

World Music Day 2019 Gloomy Sunday Suicide Song

World Music Day 2019: इस गाने को सुनने के बाद कई लोगों ने कर लिया था सुसाइड, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली। World Music Day विश्व संगीत दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। पहले यह जान लेते हैं कि यह दिन आखिर क्यों मनाया जाता है। फ्रांसीसियों की संगीत के प्रति दीवानगी की हद को देखते हुए 21 जून 1982 को आधिकारिक रूप से संगीत-दिवस की घोषणा हुई थी जो अब धीर-धीरे पूरी दुनिया में मनाया जाता है। आप इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ होंगे कि संगीत कई बार लोगों को अवसाद से बाहर निकालने में कारगर साबित होता है लेकिन कभी आपने सुना है कि संगीत ने लोगों की जान ले ली? हंगरी ( Hungary ) में एक संगीतकार ने ऐसा गाना ( Gloomy Sunday ) लिखा जिसने कई लोगों की जान ले ली।

Rezso Seress
दुनिया खत्म हो रही है

म्यूजिक कंपोजर Rezső Seress रेज़सो सेरेस ने यह गाना कब लिखा यह तो पता नहीं लेकिन सन 1933 इसे पब्लिश किया गया। इस गाने का टाइटल था Vége a világnak” (The world is ending) (दुनिया खत्म हो रही है।) रेज़सो का यह गाना युद्ध के बाद हुई बर्बादी पर आधारित था। इस गाने में एक प्रेमी अपनी प्रेमिका के साथ आत्महत्या करने की बात कर रहा है। कहते हैं Gloomy Sunday (दुखद संडे) नाम के इस गाने को सुन कई अवसादग्रस्तन लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।

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ग्लूमी संडे के ओरिजनल ट्रैक को सुन लोगों ने की आत्महत्या

कुछ लोग मानते हैं गीतकार सेरेस ने यह गाना इसलिए लिखा था कि क्योंकि उसकी प्रेमिका ने उसे छोड़ दिया था। अपनी प्रेमिका की याद में उसने यह दुख भरा गाना लिखा था। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उसने यह युद्ध की विभीषिका के ऊपर लिखा था। मान्यता है कि ग्लूमी संडे के ओरिजनल ट्रैक को सुन लोगों का आत्महत्या करने का सिलसिला शुरू हो गया। 1936 में छपी टाइम मैग्ज़ीन की रिपोर्ट ने हंगरी में कुल 17 आत्महत्याओं के लिए ग्लूमी संडे को ज़िम्मेदार ठहराया गया था।

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छोटी-छोटी बातें मिलकर बना देती हैं बड़ा मिथक

इस गाने की चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी जिसके बाद इसे अंग्रेज़ी में ट्रांसलेट किया गया। सैम लुइस द्वारा कंपोज़ किए गए इस गाने को मशहूर जैज़ सिंगर बिली हॉलीडे ने गाया था। 17 जुलाई 1959 को 44 साल की बिली की भी मौत अस्पताल में हो गई। कहा जाता है बिली ने जहर खा लिया था। 1968 में इस गीत के कंपोजर ने भी खुदखुशी कर ली। वो बुडापेस्ट के एक अपार्टमेंट की खिड़की से कूद गए थे। बीबीसी रेडियो ने इस गाने पर प्रतिबंध भी लगाया था। इस गीत पर प्रतिबंध लगाने के पीछे का कारण यह था कि 1940 के दशक में विश्व युद्ध के माहौल में बीबीसी कोई हताश करने वाला गीत नहीं बजाना चाहता था। ग्लूमी संडे इस बात का सीधा उदाहरण है कि कैसे छोटी-छोटी बातें मिलकर बड़ा मिथक बना देती हैं।

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