मेघालय के मासिनराम (Masinram of Meghalaya) में दुनिया का सबसे अधिक बारिश और नम इलाका है। अपनी नमी के लिए ये जगह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book of World Records) में भी दर्ज है। यहां करीब 11,871 मिलीमीटर वर्षा होती है। यहां 12 महीने बारिश होती है। इसकी वजह से यहां के लोग कभी भी बिना छाता लिए घर से बाहर नहीं निकलते हैं।
बंगाल की खाड़ी की वजह से मासिनराम (Masinram) में काफी ज़्यादा नमी है और 1491 मीटर की ऊंचाई वाले खासी पहाड़ियों की बदौलत यह नमी संघनित ( highest rainfall in India) भी हो जाती है।
एक अनुमान के मुताबिक यहां इतनी बारीश होती है कि रियो डि जेनेरियो स्थित क्राइस्ट की 30 मीटर ऊंचे स्टेच्यू के घुटनों तक पानी आ जाएगा। चेरापूंजी (Cherrapunji ) की जगह अब उसी से लगभग 15 किलोमीटर दूर बसा मासिनराम ले चुका है।
बारिश की वजह से यहां खूब हरियाली रहती है और मन को लुभाने वाले कई जलप्रपात भी मौजूद हैं। बारिश की वजह से यहां के लोगों को काफी दिक्कत होती है। ज्यादा बारिश होने के बाद यहां अगर बिजली नहीं है तो घरों के अंदर अंधेरा सा छाया रहता है। यहां तक कि दिन में भी धुंध छाई रहती है।
यहां के सबसे पास का इलाका चेरापूंजी में रात के समय में अक्सर यहां बारिश होती है। चेरापूंजी को स्थानीय लोग सोहरा के नाम से भी पुकारते हैं, हालांकि मासिनराम की तुलना में 100 मिलीमीटर कम बारिश होती है।
मेघालय के मासिनराम और चेरापूंजी के अलावा कोलंबिया के दो ऐसे गांव हैं जो सबसे अधिक बारिश के मामले में इन्हें टक्कर देते हैं. उत्तर पश्चिमी कोलंबिया के शहर लाइओरो और लोपेज डे मिसी ये दो शहर हैं जहां साल भर बारिश होती है।