क्या यह किरदार है?
कुछ लोग येति को कोरा ख्याल मानते हैं। उनका कहना है कि दरअसल लोगों को शिक्षा देने,
नैतिकता सिखाने और बच्चों को अपने बस में रखने के लिए पहाड़ी खासकर नेपाली
लोककथाओं में येति नाम का एक किरदार मात्र है। इसके बारे में कई कहानियां नेपाल में
प्रचलित हैं। हाल ही में शिवा ढकाल नाम के एक लेखक ने फोक टेल्स ऑफ़ शेरपा ऐंड
येति’ नाम से इन कहानियों को संकलित किया है। इसमें येति के किरदार को लेकर कई
नैतिक शिक्षा देने वाली कहानियां हैं।
कुछ लोग येति को कोरा ख्याल मानते हैं। उनका कहना है कि दरअसल लोगों को शिक्षा देने,
नैतिकता सिखाने और बच्चों को अपने बस में रखने के लिए पहाड़ी खासकर नेपाली
लोककथाओं में येति नाम का एक किरदार मात्र है। इसके बारे में कई कहानियां नेपाल में
प्रचलित हैं। हाल ही में शिवा ढकाल नाम के एक लेखक ने फोक टेल्स ऑफ़ शेरपा ऐंड
येति’ नाम से इन कहानियों को संकलित किया है। इसमें येति के किरदार को लेकर कई
नैतिक शिक्षा देने वाली कहानियां हैं।
ऐसे पहुंचा पश्चिम में
येति के बारे में पश्चिमी देशों में जानकारी पहुंचने की कहानी दिलचस्प है। दरअसल, ब्रिटिश
नेता अन्वेषक चार्ल्स होवार्ड-बरी कुछ लोगों के दल के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए
गए। इसी दौरान रास्ते में उन्होंने बड़े-बड़े पैरों के निशान देखे। तब उन्हें यह बताया गया कि
यह इंसान और भालू जैसे दिखने वाले किसी जीव के पैरों के निशान हैं। इनके वापस लौटने
पर हेनरी न्यूमैन नाम के पत्रकार ने उनसे बातचीत की, जिसके बाद येति पश्चिमी देशों में जाना
जाने लगा।
येति के बारे में पश्चिमी देशों में जानकारी पहुंचने की कहानी दिलचस्प है। दरअसल, ब्रिटिश
नेता अन्वेषक चार्ल्स होवार्ड-बरी कुछ लोगों के दल के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए
गए। इसी दौरान रास्ते में उन्होंने बड़े-बड़े पैरों के निशान देखे। तब उन्हें यह बताया गया कि
यह इंसान और भालू जैसे दिखने वाले किसी जीव के पैरों के निशान हैं। इनके वापस लौटने
पर हेनरी न्यूमैन नाम के पत्रकार ने उनसे बातचीत की, जिसके बाद येति पश्चिमी देशों में जाना
जाने लगा।
पश्चिमी देशों के लोग देखने को आने लगे…
पचास के दशक तक सैलानी हिममानव को देखने के लिए हिलामय आने लगे। एक हॉलीवुड
स्टार जेम्स स्टीवर्ट ने तो येति की एक उंगली मिलने का दावा कर दिया, जो बाद में गलत
पाया गया। दरअसल वो उंगली किसी इंसान की थी। इसके बाद अन्य लोग भी येति के पैरों
के निशान देखे जजाने के दावे करने लगे। किंतु किसी ने भी येति को वास्तव में देखा, यह
साबित नहीं हो पाया।
पचास के दशक तक सैलानी हिममानव को देखने के लिए हिलामय आने लगे। एक हॉलीवुड
स्टार जेम्स स्टीवर्ट ने तो येति की एक उंगली मिलने का दावा कर दिया, जो बाद में गलत
पाया गया। दरअसल वो उंगली किसी इंसान की थी। इसके बाद अन्य लोग भी येति के पैरों
के निशान देखे जजाने के दावे करने लगे। किंतु किसी ने भी येति को वास्तव में देखा, यह
साबित नहीं हो पाया।
लोगों में बढ़ता गया यकीन
येति है या नहीं, यह भले ही साफ न हुआ हो, लेकिन इस संबंध में कल्पनाएं पंख लगाकर
उड़ने लगीं। येति जैसे किरदार पर हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक फिल्में बनीं। सन 2017
में एक थॉम्स अल्फ्रेडसन नाम के एक डायरेकटर ने ‘द स्नोमैन’ नाम से एक फिल्म बनाई।
यह साइलॉजिकल क्राइम थ्रिलर थी। इसी तरह का मिलता-जुलता किरदार कुछ बॉलीवुड
फिल्मों में भी दिखा।
येति है या नहीं, यह भले ही साफ न हुआ हो, लेकिन इस संबंध में कल्पनाएं पंख लगाकर
उड़ने लगीं। येति जैसे किरदार पर हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक फिल्में बनीं। सन 2017
में एक थॉम्स अल्फ्रेडसन नाम के एक डायरेकटर ने ‘द स्नोमैन’ नाम से एक फिल्म बनाई।
यह साइलॉजिकल क्राइम थ्रिलर थी। इसी तरह का मिलता-जुलता किरदार कुछ बॉलीवुड
फिल्मों में भी दिखा।
ब्रिटिश पर्वतारोही रीनहोल्ड मेनसर का दावा
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्वतारोही रीनहोल्ड मेसनर को येति देखने का सबसे
बड़ा दावेदार माना जाता है। मेनसर का मानना है कि येति असल में एक भालू है। भालू और
शेरपाओं की कहानियों को मिलाकर ही येति के बारे में कहानियां बनी हैं।
जिन पैरों के निशान देखने का दावा किया जाता रहा है, वो दरअसल भालू के पैरों के ही
निशान हैं। लद्दाख़ और भूटान से मिले दो सैंपलों के आधार पर वैज्ञानिकों ने मेसनर के दावे
को कुछ वैज्ञानिकों ने सही पाया। रिपोर्ट के अनुसार- ऑक्सफोड्र यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर
ब्रायन साइक्स ने येति के अंगों के नमूनों की जांच के बाद साबित किया कि ये सैंपल 40
हजार साल पहले पाए जाने वो ध्रुवीय भालू से मेल खाते हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्वतारोही रीनहोल्ड मेसनर को येति देखने का सबसे
बड़ा दावेदार माना जाता है। मेनसर का मानना है कि येति असल में एक भालू है। भालू और
शेरपाओं की कहानियों को मिलाकर ही येति के बारे में कहानियां बनी हैं।
जिन पैरों के निशान देखने का दावा किया जाता रहा है, वो दरअसल भालू के पैरों के ही
निशान हैं। लद्दाख़ और भूटान से मिले दो सैंपलों के आधार पर वैज्ञानिकों ने मेसनर के दावे
को कुछ वैज्ञानिकों ने सही पाया। रिपोर्ट के अनुसार- ऑक्सफोड्र यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर
ब्रायन साइक्स ने येति के अंगों के नमूनों की जांच के बाद साबित किया कि ये सैंपल 40
हजार साल पहले पाए जाने वो ध्रुवीय भालू से मेल खाते हैं।
पक्के सबूत अभी भी नहीं
इसके बाद भी कई वैज्ञानिकों ने मेनसर के दावों पर रिसर्च की। पर यह अभी तक साबित
नहीं हो पाया कि वाकई इतना विशालकाय जीव, जो मानव जैसा दिखाई देता है, हिमालय
पर रहता हो। वैज्ञानिकों के अनुसार- अगर ऐसा होता, तो उसका इतनी देर छिपकर रहना
नामुमकिन है। जब से येति के होने के दावे हो रहे हैं, कोई तो ऐसा होता, जिसने उसे देखा
हो। पर पर ऐसा नहीं है।
इसके बाद भी कई वैज्ञानिकों ने मेनसर के दावों पर रिसर्च की। पर यह अभी तक साबित
नहीं हो पाया कि वाकई इतना विशालकाय जीव, जो मानव जैसा दिखाई देता है, हिमालय
पर रहता हो। वैज्ञानिकों के अनुसार- अगर ऐसा होता, तो उसका इतनी देर छिपकर रहना
नामुमकिन है। जब से येति के होने के दावे हो रहे हैं, कोई तो ऐसा होता, जिसने उसे देखा
हो। पर पर ऐसा नहीं है।