दस्तावेज प्राप्त कर वैध किया गया
इससे जिले में हटाए जाने वाला कोई भी धार्मिक भवन नहीं होने की जानकारी जिला प्रशासन ने उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं को दी है। कुछ विवादात्मक भवन होने पर भी इन्हें न्यायालय के आदेश से पहले ही निर्माण किया गया है। इसके अलावा कुछ ने अपने कारखाना परिसर में भी निर्माण किया है। इसमें कुछ सार्वजनिक या फिर अन्य उद्देश्य निर्माण करने के बारे में भी नोटिस दिया गया था परन्तु इन्हें आदेश के तहत हटाना संभव नहीं होने से दस्तावेज प्राप्त कर वैध किया गया है।कुछ भवनों को हटाया गया था
इस बारे में तहसीलदार, योजना निदेशक, जिला शहरी विकास कोष से नगर ग्रामीण क्षेत्र में ढिंढोरा पीटकर, जागरूकता के जरिए अवैध भवन हटाने तथा जानकारी दी गई थी परन्तु समिति आगामी दिनों में आपत्ति आवेदन नहीं आने के चलते कुछ भवनों को हटाया गया था।2009 के बाद निर्मित भवन हटाए जा रहे हैं
जिले के अवैध धार्मिक भवन हटाने के संबंध में सभी जानकारी को संबंधित न्यायालय को सौंपी गई है। विवादित भवनों के होने पर लोगों की आवाजाही में बाधा होने पर उनकी समीक्षा कर बाद में कार्रवाई करने का उद्देश्य है। इसके अलावा सही और पर्याप्त दस्तावेजों को सौंपने पर वैध करने के बारे में जिला प्रशासन ने बताया है। वर्ष 2009 में उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। अदालत के फैसले के तहत वर्ष 2013 में अवैध धार्मिक भवनों को सरकार ने हटाने की कार्रवाई की थी। वर्ष 2009 के बाद निर्मित भवन हटाए जा रहे हैं।इनका कहना है
जिले में विवादित भवनों के बारे में जिला प्रशासन को कोई भी जानकारी नहीं मिली है। सरकार तथा न्यायालय के आदेश के तहत सार्वजनिक स्थल, उद्यानों में कोई भी मंदिर, चर्च, मस्जिद निर्माण के लिए मौका नहीं है।
–विकास किशोर सुरलकर, जिलाधिकारी, कोप्पल