आचार्य चन्द्रभूषण ने किया निपाणी में मंगल प्रवेश[typography_font:18pt;” >निपाणीबेंगलूरु से विहार करते हुए जैनाचार्य चन्द्रभूषण सूरि ने गुरुवार को निपाणी में मंगल प्रवेश किया। इस दौरान श्री चन्द्रप्रभ महाराज बावन जिनालय तीर्थ ट्रस्ट की ओर से उनका भव्य स्वागत किया। स्वागत कार्यक्रम के पश्चात धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य ने श्रावक धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया कि जो श्रद्धा बनाए रखता है उसे श्रावक कहा जाता है। श्रावक के लिए तीन चीजें श्रद्धेय हैं, जो देव, गुरु एवं धर्म हैं। इसी प्रकार जिस तरह ये तीन चीजें श्रद्धा का केन्द्र हैं, उसी तरह चार चीजें आचरणीय हैं। इनमें दान, शील, तप व भाव का समावेष होता है। दान देने से कल्याण होता है, शील से संकट दूर होते हैं, तप से शरीर निर्मल बनता है और भाव से भगवत भाव की प्राप्ति होती है। गैरतलब है कि आचार्य यहां समीपवर्ती खडक़लाट गांव में श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय में शनिवार को होने वाले परिकर प्रतिष्ठा समारोह में सान्निध्य प्रदान करेंगे।