मार्च अंत तक निर्धारित लक्ष्य हासिल करें-जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिए निर्देशधारवाड़मौजूदा वित्त वर्ष (मार्च) के अंत तक बकाया कार्यों को पूर्ण कर निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के जिलाधिकारी दीपा चोळन ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। वे धारवाड़ के जिलाधिकारी कार्यालय सभा भवन में आयोजित वर्ष 2019-20 के जनवरी अंत तक विभिन्न विभागों के एससीपी तथा टीएसपी योजना के तहत किए गए कार्यों की प्रगति समीक्षा सभा की अध्यक्षता कर बोल रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की विशेष इकाई योजना (एससीपी) तथा गिरिजन उपयोजना (टीएसपी) के तहत विभिन्न 37 विभागों ने जिले में गत जनवरी के अंत तक 59 प्रतिशत प्रगति हासिल की है। मौजूदा वर्ष के एससीपी योजना के तहत 137 करोड़ रुपए अनुदान निर्धारित कर एक लाख 6 2 हजार 720 कार्यक्रमों का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए 103 करोड़ रुपए अनुदान जारी हुआ था जिसमें से 6 2.6 7 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसमें 59 प्रतिशत कार्यों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि टीएसपी योजना के तहत 53 करोड़ रुपए अनुदान निर्धारित कर 1,05,507.2 कार्यक्रमों का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए 40 करोड़ रुपए अनुदान जारी हुआ है जिसमें 22 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 54,8 8 3 कार्यक्रमों से भौत्तिक उपलब्धी हासल कर 54 प्रतिशत उपलब्धी हासिल की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि एससीपी और टीएसपी दोनों मिलाकर कुल 190 करोड़ रुपए अनुदान निर्धारित कर 2,6 8 ,227 कार्यक्रमों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके लिए 143.96 करोड़ रुपए अनुदान जारी हुआ है। 8 4 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 1,33,729 कार्यक्रमों से भौत्तिक उपलब्धी कर कुल 59 प्रतिशत प्रगति हासिल की गई है। [typography_font:14pt;” >आगामी 20 दिन में पूर्ण करने के निर्देशजिलाधिकारी चोळन ने संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि आगामी 15 से 20 दिन में बकाया सभी विकास कार्यों को पूर्ण कर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए आरक्षित अनुदान का सदुपयोग करना चाहिए। किसी भी कारण अनुदान नहीं बचना चाहिए। सरकार का उद्देश्य पूर्ण होना चाहिए। इस दिशा में अधिकारियों को जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए। हुब्बल्ली-धारवाड़ महा नगर निगम को एससीपी और टीएसपी अनुदान का उपयोग करने पर अधिक जोर देना चाहिए। समाज कल्याण विभाग के सह निदेशक एन.आर. पुरुषोत्तम ने कहा कि गत दो वर्षों में एससीपी और टीएसपी योजना के तहत जिले के अजाजजा कॉलोनी में निर्मित कंक्रीट सडक़ों की समीक्षा कार्य के लिए धारवाड़ तथा बल्लारी जिलों को सरकार की ओर से प्रायोगिक रूप से चयनित किया गया है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि समीक्षा के दौरान सभी कार्यों की जीपीएस करवाकर जियो टैगिंग करने पर कार्यों को दोबारा करने से रोकने में आसानी होगी। जिला शहरी विकास कोष योजना निदेशक विनायक पालनकर, हेस्कॉम अधीक्षक अभियंता एम.आर. शानबाग, डीडीपीआई एम.एल. हंचाटे, औद्योगिक विभाग सह निदेशक मोहन भरमक्कनवर समेत विविध विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।