लक्ष्य हासिल करने के लिए नजरिया जरूरी[typography_font:18pt;” >गदगसार्वजनिक शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. बी.के.एस. वर्धन ने कहा है कि जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए नजरिया का होना जरूरी है। वे गदग में जिला पंचायत तथा सार्वजनिक शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कन्नड़ साहित्य भवन में आयोजित माध्यमिक स्कूल मुख्य अध्यापकों की शैक्षणिक प्रगति समीक्षा सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बच्चों के साथ भावनात्मक रूप से सहानुभूति और प्रेम दिखाने के साथ आत्मविश्वाश पैदा करने वाली शिक्षा देनी चाहिए। पढ़ाने से पूर्व बच्चों की मानसिकता, इच्छा के बारे में समझेंगे तो लक्ष्य हासिल करना सम्भव होगा। उन्होंने एसएसएलसी (दसवीं कक्षा) के उत्तम नतीजों के लिए जिले में शुरू किए गए विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति के जीवन में माध्यमिक शिक्षा महत्वपूर्ण होती है। मुख्य शिक्षक अपने कार्यरत शिक्षण संस्था के मूल आधार होते हैं। उन्हें सह शिक्षकों के संग बहतर तालमेल के साथ बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देनी चाहिए। किसी भी उपलब्धी से पूर्व लक्ष्य के बारे में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। शिक्षा से संबंधित जरूरतों को शिक्षकों को पूरा करना चाहिए। शिक्षकों को स्कूल के बारे में संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। सामाजिक समस्यओं तथा बुरी आदतों का शिकार ना हो इस पर शिक्षकों तथा अभिभावकों को सतर्क रहना चाहिए। सार्वजनिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक एन.एच. नागूर ने कहा कि गदग जिले के 28 5 माध्यमिक स्कूलों में बालक और बालिकओं समेत 13 हजार 404 विद्यार्थी हैं। इस बार 27 मार्च से चलने वाले एसएसएलसी परीक्षाओं में भाग लेंगे। एसएसएलसी के उत्तम नतीजों के लिए विभिन्न विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा दी जा रही है। पढ़ाई में पिछड़े करीब चार हजार बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक दिसम्बर से शुरू हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में चार हजार 500 विद्यार्थियों ने भाग लिया है। परीक्षा भय दूर करने के लिए बच्चों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सभा में गदग जिला डयट अध्यापक एस.जी. गांजी, जिले के विविध तालुकों के क्षेत्र शिक्षा अधिकारी, विषय पर्यवेक्षक, विविध माध्यमिक स्कूलों के मुख्य अध्यापकों ने भाग लिया था।