बालिका की नानी सावित्रम्मा ने बच्चों से पूछा तो पता चला कि कोई व्यक्ति प्रसाद खिला कर उसे अपने साथ ले गया। सावित्रम्मा ने गांव के लोगों को एकत्रित किया और सभी लोग बालिका की तलाश में निकल पड़े। गांव से पांच किलोमीटर दूर जंगल में एक जगह बालिका मिली। उसे एक बड़े से पत्थर पर सुलाया गया था। उसके गले में फूल माला, नीम के पत्ते और नीम्बू का हार पहनाया गया था।
लोगों ने एक महिला सौम्या (30), सुरेश (32), हनुमंतय्या (34), शिवराज (20), रवि (32) और तांत्रिक गोपाल (45) की जम कर पिटाई करने के बाद पुलिस के हवाले किया। आरोपियों ने बताया कि तांत्रिक गोपाल के कहने पर उन्होंने बालिका की बलि चढ़ाने का प्रयास किया था। गांव के बाहर एक मंदिर के पीछे खजाना छिपा है। उसे प्राप्त करने के लए किसी लड़की की बलि देने का सुझाव दिया था।