प्रवासी पक्षियों का आगमन नहीं हुआ
तालाब का दूसरा छोर यत्तिनहल्ली सीमा के अंतर्गत स्थित है। यहां के किसानों ने ना सिर्फ तालाब पर कब्जा किया वरन् बबूल के पेड़ भी काट दिए। गांव के युवक विजय दानम्मनवर ने रोष व्यक्त करते हुए बताया कि बारिश के दिनों में तालाब भले ही लबालब हो परंतु बबूल के सारे पेड़ कट जाने की वजह से प्रवासी पक्षियों का आगमन नहीं हुआ है।देशी-विदेशी पंछियों की चहक
इस तालाब परिवेश में देसी पक्षी जैसे बत्तख, गल, हंस, बाज, सारस, कृष्णवाहन, एल्क, किंगफिशर और विदेशी पक्षी शुतुरमुर्ग, सीगल, हमिंगबर्ड सहित अनेक प्रजातियों के पंछियों का आगमन होता था।पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो
प्रवासी पक्षी जुलाई माह में आते थे तथा तालाब खाली होने के बाद यानी कि फरवरी में पुन: दूसरी जगह चले जाते थे। यह सिलसिला हर साल चलता रहा। पक्षीप्रेमियों की तीव्र इच्छा थी कि दूपनहल्ली अगसनकट्टे तालाब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो।छिन गया पंछियों का आशियाना
तालाब से वर्ष 2020 में मनरेगा योजना के अंतर्गत गाद निकाला गया था। इतना ही नहीं तालुका की महत्वाकांक्षी सिंचाई योजना मड्लूर लिफ्ट सिंचाई योजना के अंतर्गत तालाब को भरकर पंछियों के पलायन को रोकने का प्रयास किया जा रहा था। अब सारे पेड़ कट जाने की वजह से पंछियों का घर छिन गया है। पंछी प्रेमियों की इसी वजह से चिंता बढ़ गई है।
–नागप्पा हेग्गेरी, शिक्षक
200 बबूल के पौधे लगवाएंगे
अगसनकट्टे तालाब का सर्वेक्षण कर अतिक्रमण को हटाने व पक्षी अभयारण्य के विकास के लिए ठोस कदम उठाने की मांग पर्यावरण प्रेमी कर रहे हैं। तालाब पर पुन: पंछियों की चहक गूंजे इसके लिए मनरेगा योजना के अंतर्गत 200 बबूल के पौधे लगवाए जाएंगे।
–हेमगिरी अणजी, तालुक आंचलिक वन अधिकारी
निर्माण कार्य पूर्ण करवाए जाएंगे
दूपनहल्ली के अगसनकट्टे तालाब के विकास के लिए मनरेगा के अंतर्गत निर्माण कार्य पूर्ण करवाए जाएंगे।
–शहनाबी कलकोटी, पंचायत विकास अधिकारी