कासरगोड के लिए एक सप्ताह तक बस परिवहन बंद[typography_font:14pt;” >मेंगलूरुसांसद नळिन कुमार कटील ने पड़ोसी राज्य केरल में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी के चलते दक्षिण कन्नड़ जिले से कासरगोडु के लिए परिवहन करने वाली सरकार तथा निजी बसों के परिचालन को एक अगस्त से एक सप्ताह तक बंद करने के निर्देश दिए हैं।वे जिलाधिकारी कार्यालय सभा भवन में कोविड-19 रोकथाम के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता कर बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि कोविड पॉजिटिव के मामले जिले में भी बढ़ रहे हैं। जिले के सीमा भाग में सख्त कार्रवाई कर कोविड को फैलने से रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने के साथ कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। एक अगस्त से सात दिन तक मेंगलूरु से केरल के कासरगोड को जाने वाली केएसआरटीसी तथा निजी बस परिचालन को बंद करना चाहिए। केरल से जिले को आने वाले विद्यार्थियों में अनिवार्य तौर पर कोविड नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। खासतौर पर वहां के छात्रों को मेंगलूरु में रह रहे छात्रावासों में ही एक सप्ताह तक होम क्वारंटीन में रहना चाहिए। प्रतिदिन इनके बारे में नजर रखनी चाहिए।जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र केवी ने कहा कि जिले में कोविड जांच बढ़ाने के लिए और अधिक कार्रवाई करनी चाहिए। कोरोना संक्रमितों को अनिवार्य तौर पर कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराना चाहिए। संक्रमित बिना जरूरत के घूमते नजर आने पर ऐसों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना चाहिए। एक ही परिवार में दो से अधिक कोविड मामले पाए जाने पर ऐसे घरों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन के तौर पर शुमार करना चाहिए।उन्होंने कहा कि सभा-समारोहों, राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों को 10 अगस्त तक आयोजित नहीं करने को लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। विवाह समारोहों के लिए केवल 50 जने मात्र सीमित किए गए हैं। अधिक संख्या में लोगों के जुटने पर कल्याण मंडपों के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना चाहिए। इस बारे में नजर रखने के लिए होम गार्ड को तैनात करना चाहिए। सड़कों पर बिना मास्क के घूमने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए और अनिवार्य तौर पर मास्क पहनने के बारे में बताना चाहिए। कोविड नियमों का पालन करने को लेकर जागरूकता फैलानी चाहिए। कोरोना संक्रमितों को होम क्वारंटीन में रहने के बारे में संबंधित तहसीलदारों तथा तालुक चिकित्सा अधिकारियों को उचित फैसला लेना चाहिए।जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड वैक्सीन का टीका लगाने वाली जगहों पर भीड़ नजर आ रही है, इसकी रोकथाम की दिशा में 45 वर्ष पार वालों को 60 प्रतिशत ऑनलाइन पंजीयन, 40 प्रतिशत को सीधे तौर पर और 18 वर्ष की आयु पार वालों को 80 प्रतिशत ऑनलाइन पंजीयन तथा 20 प्रतिशत को सीधे तौर पर वैक्सीन लगानी चाहिए।