जंगली हाथियों को रोकने के लिए नहर का निर्माण[typography_font:18pt;” >सिरसी-कारवारजंगली हाथियों के कारण मुंडगोड तालुक में हर साल हजारों एकड़ क्षेत्र में खड़ी फसल तबाह हो रही है। इसके चलते जंगली हाथियों को खेतों में आने से रोकने के लिए नहर का निर्माण किया जा रहा है। इससे मुंडगोड़ तालुक में 300 एकड़ से अधिक क्षेत्र की खड़ी फसल की सुरक्षा की जा सकेगी। वन विभाग के अधिकारी इस ओर कार्यप्रवृत हुए हैं। मुंडगोड़ तालुक में प्रति वर्ष दांडेली वन से 20 से अधिक जंगली हाथी यल्लापुर तालुक के किरवत्ती, गुंजावती मार्ग से मुंडगोड़ तालुक में प्रवेश करते हैं। तालुक के विविध भागों में घुसने वाले जंगली हाथी बड़ी मात्रा में फसल तबाह करते हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। हर साल अक्टूबर माह के अंत में तालुक में घुसने वाले जंगली हाथी 3-4 माह तक मुंडगोड़ तालुक में डेरा जमाते हैं। वहां के खेतों, बागों आदि में घुस कर धान, मकई, सुपारी, केले के बागानों में खडी फसलों को रोंद देते हैं।