चुनाव में जमकर हो रही चंबू की राजनीति, चंबू दिखाकर मतदाताओं को लुभाने के जतन
कन्नड़ में लौटे को कहते हैं चंबू, सोशल मीडिया पर चुनावी वार, भाजपा-कांग्रेस का आरोप-प्रत्यारोप
कर्नाटक में लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार उफान पर है। प्रमुख राजनीतिक दल आरोप-प्रत्यारोप से बाज नहीं आ रहे हैं। दरअसल इन दिनों कर्नाटक में एक नई तरह की राजनीति दिखाई देने लगी है। कांग्रेस ने भाजपा पर आक्रामक होने के लिए चंबू का सहारा लिया है। लौटे को कन्नड़ में चंबू कहते हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों कुछ इसी तरह की जंग चल रही है।
दरअसल कांग्रेस ने एक विज्ञापन के जरिए भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक के लोगों के खाते में 15 लाख रुपए जमा करने, किसानों की आय दोगुनी करने तथा प्रदेश को सूखा एवं बाढ़ राहत देने के बदले चंबू मिला है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन जारी किया है जिसमें आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने कर्नाटक को चंबू दिया है। कांग्रेस ने इसके जरिए भाजपा पर धोखा देने का आरोप मढ़ा है। कांग्रेस ने मतदाताओं से अपील की है कि कर्नाटक में भाजपा एवं जद-एस के सांसदों का योगदान चंबू है। इस चुनाव में भाजपा को चंबू दें।
इसका जवाब देते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस भीषण गर्मी में लोगों को एक चंबू पानी देने के खिलाफ है। कांग्रेस विज्ञापनों के जरिए लोगों को गुमराह कर रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेन्द्र ने कहा कि कर्नाटक ने कावेरी का पानी तमिलनाडु को दे दिया। कन्नड़ के लोगों को खाली चंबू पकड़ा दिया।
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