दिल्ली, मंगलूरु दंगे में कांग्रेस का हाथ[typography_font:14pt;” >गदगभाजपा प्रदेशाध्यक्ष नळिन कुमार कटील ने कहा कि दिल्ली में सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन हिंसा में परिवर्तित हुआ है। इस हिंसा में 38 लोगों की मृत्यु हुई है। केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के पीछे कांगे्रेस का हाथ है। गदग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कटील ने कहा कि दिल्ली में चल रही हिंसा तथा पूर्व में मेंगलूरु में हुए सीएए के विरोध प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस का हाथ है। मेंगलूरु तथा दिल्ली दंगो के लिए कांग्रेस पार्टी ही कारण है। मेंगलूरु दंगे के पीछे एसडीपीआई तथा पीएफआई संगठनों की भूमिका होने के बारे में पुलिस विभाग ने खुलासा किया है। दिल्ली दंगों में भी इन संगठनों तथा कांग्रेस का हाथ है। इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दो माह से सीएए तथा एनआरसी के विरोध में आंदोलन चल रहा है परन्तु अब तक दंगा नहीं हुआ था। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के दौरान दंगा क्यों हुआ। शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों के बीच पिस्तौल, पत्थर, हथियार कैसे आए। इसके पीछे कांग्रेस का षडयंत्र है। सीएए के मुद्दे पर कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है। 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में है। इसके चलते कांग्रेस पार्टी के नेताओं को सड़क पर उतर कर दंगा करने का मौका नहीं मिला। उन्हें मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए कोई मुद्दा नहीं मिला था। जम्मु-कश्मीर तथा अयोध्या मुद्दे पर लोग देश के समर्थन में खड़े हुए। सीएए लाने पर इसके बारे में दुष्प्रचार करने के जरिए कांग्रेस नेता राजनीतिक रोटी सेख रहे हैं। कटील ने कहा कि कांग्रेस केवल देश की संपत्ति को आग नहीं लगाई है, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी के विचारों को आग लगाई है। पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को पहले नागरिकता देने की बात महात्मा गांधी ने कही थी, जिसे कांग्रेस ने नहीं किया। उस दौरान बांग्ला देश से आने वालों को नागरिकता देने की बात पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कही थी। इस पर भी कांग्रेस ने न्याय नहीं दिया। वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की डॉ. मनमोहन सिंह ने मांग की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह की विचारधारा को मान्यता दी है।