वे उपभोक्ता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित प्लास्टिक से फैलने वाले प्रदूषण की रोकथाम विषयाधारित कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे। कार्यक्रम जिला प्रशासन, रसद विभाग, जिला कानून सेवा प्राधिकरण, कानून मूल्यांकन विभाग, जिला उपभोक्ता सूचना केंद्र, जन आदेश संकल्प संस्थान के सहयोग से नुग्गीकेरी के विद्या पी. हंचिनमनी पी.यू. विज्ञान कॉलेज में आयोजित किया गया।
अमरीका के राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी ने उपभोक्ताओं की रक्षा विषय पर वहां के कांग्रेस सदस्यों को 15 मार्च 1962 को पत्र लिखा था। इससे पहले ही यानी कि तीन दशक पहले गांधीजी ने कहा था कि उपभोक्ताओं को भगवान की तरह मानें। यदि उपभोक्ता होंगे तो ही व्यापार कारोबार संभव है। वर्ष 1982 से उपभोक्ता दिवस विश्व भर में मनाया जा रहा है। सन 1986 में भारत में उपभोक्ता अधिनियम जारी किया गया है। समय समय पर इस पर संशोधन भी किया जा रहा है।
पीपुल्स फाउंडेशन के अध्यक्ष बसवप्रभु होस्केरी ने उपभोक्ता जागरूकता पर विशेष व्याख्यान दिया। इस अवसर पर सिविल न्यायाधीश जिला कानून सेवा प्राधिकरण के सदस्य कार्यकारी आर एस चिन्नण्णवर, जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष बी.एम कुंबार. सदस्य प्रभु हिरेमठ सहित कई उपस्थित थे। कानून मूल्यांकन विभाग की ओर से विभिन्न प्रकार के तराजू, प्रस्तुतीकरण का उद्घाटन प्रधान जिला तथा सत्र न्यायाधीश ने किया।
दुकान जाते समय थैली ले जाने की आदत डालें
पुन: उपयोग में लाई जाने वाली प्लास्टिक को छोड़कर एक बार प्रयोग में लाई जानी वाली प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया। हमें दुकान जाते वक्त घर से ही थैली ले जाने की आदत डालनी होगी। दुकानदार से प्लास्टिक की थैली नहीं लेनी चाहिए। जिलाधिकारी नितेश के. पाटील ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि के लिए उपभोक्ता का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब उपभोक्ता संरक्षण कानूनों की सुरक्षा को मान्यता देना अनुचित है तो कानून लागू किया जाना चाहिए।