कोरोना लॉकडाउन सामाजिक आपात स्थिति[typography_font:18pt;” >धारवाड़-हुब्बल्लीकृषि मंत्री बी.सी. पाटील ने कहा है कि कोरोना नियंत्रण के लिए भारत लॉकडाउन का होना एक तरीके से सामाजिक आपात स्थिति बनी हुई है। वे धारवाड़ में सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय में कोविड-19 की रोकथाम के लिए घोषित लॉकडाउन के चलते कृषि गतिविधियों से संबंधित समस्याओं के समाधान पर की गई कार्रवाई की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकतर पॉल्ट्री फार्म बर्ड फ्लू फैलने की गलत अफवाह पर हजारों मुर्गियों को गाड़ दिया। इसके चलते पॉल्ट्रफार्मों से खाद्य की मांग कम हुई है। इसके चलते मक्का उत्पादक किसान परेशान हुए हैं। मक्के की मांग आने तक इंतजार करने को किसान तैयार हैं। तबतक किसानों के उत्पादों के संग्रह के लिए हुब्बल्ली समेत राज्य के चार कोल्ड स्टोरेज इकाइयों में बिना किसी शुल्क के मौका दिया जाएगा। लॉकडाउन से किसानों को समस्यामंत्री पाटील ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस रोकथाम के लिए 24 मार्च की मध्य रात्रि से लॉकाडाउन घोषित किया। इससे सहज रूप से किसानों को भारी झटका लगा है। ऐसे हालात में कृषि उपज को लाने लेजाने में तथा कृषि उपज मंडी गतिविधियों को बाधा पहुंचना आम बात है। सरकार भी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए देश भर में कुछ ढील दी है। उन्होंने कहा कि हुब्बल्ली, हुमनाबाद, विजयपुर तथा बागलकोट स्थित गोदाम तथा कोल्ड स्टोरेज इकाइयों में मक्का संग्रह करने के लिए किसानों को नि:शुल्क जगह उपलब्ध की जाएगी। वहां पर 3 हजार 324 मेट्रिक टन खाद्य संग्रह की क्षमता है। जून के बाद मक्के के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है। विधान परिषद सदस्य बसवराज होरट्टी ने कहा कि बीज, रसायनिक खाद आपूर्ति के लिए सतर्कता बरतनी चाहिए। मवेशियों को चारे की कमी होने के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। अभी से ठोस कदम उठाने चाहिए। विधायक शंकर पाटील मुनेनकोप्प ने कहा कि कपास खरीद कार्य शुरू करने पर जोर देना चाहिए। चना खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है। कोरोना वायरस नियंत्रण में हैजिलाधिकारी दीपा चोळन ने कहा कि जिले में कोरोना वायरस नियंत्रण में है। उत्तम मानसून की उम्मीद है। किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए किसी प्रकार की समस्या ना हो इस दिशा में कार्रवाई की गई है। किसानों के उत्पादों की बिक्री के लिए भी व्यवस्था की गई है। कृषि विभाग सह निदेशक राजशेखर आई.बी. ने कहा कि वर्ष 2020-21 के मानसून सिजन में 2 लाख 46 हजार 14 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई का लक्ष्य है। तेल के बीज तथा वाणिज्य फसल समेत कुल 8 0 हजार 98 8 क्विंटल बुआई के बीजों की आवश्यकता है। आगामी सितंबर तक 6 0 हजार 18 4 मेट्रिक टन रसायनिक खाद के मांग का आंकलन किया गया है। किसानों की मांग के अनुसार बीज, रसायनिक खाद आपूर्ति के लिए जरूरी कार्रवाई की गई है। धारवाड़ एपीएमसी अध्यक्ष महावीर अळेबसप्पनवर जैन, केएमएफ, विविध गांवों के किसान प्रतिनिधियों, बीज, रसायनिक खाद के विक्रेता संघ के पदाधिकारी आदि ने विचार व्यक्त किया। विधायक प्रसाद अब्बय्या, अमृत देसाई, जिला पंचायत की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी पाटील, महा नगर पुलिस आयुक्त आर. दिलीप, जिला पुलिस अधीक्षक वर्तिका कटियार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बी.सी. सतीश, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम.बी. चट्टी आदि उपस्थित थे। विविध विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों ने बैठक में भाग लेकर बीज, रसायनिक खाद, कृषि उपज मंडी आदि से संबंधित जानकारी दी।……………………………………………………………………..