जंगली हाथियों को प्रशिक्षण देने वाले महावतों के जीवन में अंधेरा
हुबलीPublished: Oct 16, 2021 01:52:30 am
जंगली हाथियों को प्रशिक्षण देने वाले महावतों के जीवन में अंधेरा
जंगली हाथियों को प्रशिक्षण देने वाले महावतों के जीवन में अंधेरा
जंगली हाथियों को प्रशिक्षण देने वाले महावतों के जीवन में अंधेरा
-बीते पांच महीनों से नहीं मिला वेतन
हुब्बल्ली/शिवमोग्गा
जंगली हाथियों को कॉटेज में प्रशिक्षण देने की कला जानने वाले स्टाफ के जीवन में अंधेरा फैल गया है। अपनी जान की परवाह किए बगैर हाथियों की देखभाल करने वाले महावतों को बीते पांच महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। महावतों को एक वक्त की रोटी का जुगाड़ करने के लिए भी कई पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। राज्य के सबसे बड़े कॉटेज में बीते दस सालों से 17 महावत ठेके आधार पर काम कर रहे हैं। हाथियों को नहलाने के साथ साथ विभिन्न कार्य बड़ी निष्ठा से कर रहे हैं। हाथियों की रक्षा की जिम्मेदारी इन्ही के कंधों पर है। अब स्थिति कुछ ऐसी है हाथियों की रखवाली करना इनकी मजबूरी है। इस बार तो तीन माह बीत जाने के बावजूद महावतों को वेतन नहीं दिया गया है।
क्या है वजह
ठेके आधार पर काम करने वाले इन श्रमिकों को केंद्र सरकार की ओर से जारी प्रोजेक्ट एलिफेंट के अंतर्गत मानदेय दिया जा रहा है। इस बार केंद्र सरकार की ओर से पैसे जारी न किये जाने की वजह से इन महावतों को वेतन नहीं दिया गया है। कई परिवारों के घर पर आज चूल्हे तक नहीं जल रहे हैं ।
इनका कहना है
ठेके आधार पर काम करने वाले महावतों को वेतन न दिए जाने संबंधित जानकारी पीसीसीएफ को दी गई है। सरकार की ओर से फैसला लिया जाएगा। नवम्बर तक वेतन दिये जाने की संभावना है।
-आई.एम.नागराज, डीसीएफ, वन्यजीव विभाग, शिवमोग्गा