मुख्यमंत्री सावंत के इस्तीफे की मांग
हुबलीPublished: Oct 28, 2021 12:17:05 am
मुख्यमंत्री सावंत के इस्तीफे की मांग
मुख्यमंत्री सावंत के इस्तीफे की मांग
मुख्यमंत्री सावंत के इस्तीफे की मांग
-सत्यपाल मलिक के दावों पर विपक्ष का हंगामा
पणजी
कोरोना वायरस महामारी के दौरान गोवा सरकार में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के इस्तीफे की मांग की है।
गोवा राज्य के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गोवा सरकार पर कोविड महामारी के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इसके बाद विपक्षी दलों ने बुधवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को बर्खास्त करने की मांग की।
कांग्रेस ने मांग की है कि सावंत के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों जैसे ईडी, सीबीआई और एसएफओ की ओर से मामला दर्ज किया जाए, और सुप्रीम कोर्ट के एक वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में जांच करवाई जाए। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे आना चाहिए और बताना चाहिए कि जब राज्यपाल मलिक ने उन्हें राज्य सरकार के इस भ्रष्टाचार के बारे में बताया था तो किसी प्रकार की कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा सदस्य सौगत राय और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की अगुवाई में राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई से मुलाकात की और मुख्यमंत्री सावंत के तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
इसके साथ ही टीएमसी ने कोरोना महामारी के दौरान सरकारी खरीद और व्यय को लेकर श्वेतपत्र की जारी करने की मांग भी की है। वहीं आम आदमी पार्टी ने सावंत के इस्तीफे की मांग की है तो गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की मांग की है।
मलिक के आरोप
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार के बाद अब गोवा में भी व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि गोवा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख के कारण ही उनका तबादला मेघालय किया गया। मलिक ने गोवा में भ्रष्टाचार मामले में प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
एक टीवी न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में राज्यपाल मलिक ने कहा कि गोवा के राज्यपाल से उनकी विदाई उनके भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के कारण की गई। राज्य की भाजपा सरकार ने कोरोना से निपटने में ठीक से काम नहीं किया। राज्य सरकार की घर-घर राशन बांटने की योजना अव्यवहारिक थी।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मामले की जांच कर इसकी जानकारी प्रधानमंत्री को दी थी। राज्य सरकार मौजूदा राजभवन को गैरजरूरी तरीके से ढहा कर नया भवन बनाना चाहती थी।