जिला खेल छात्रावास में कुश्ती शामिल करने की मांगधारवाड़युवा सबलीकरण एवं खेल विभाग के जिला छात्रावासों में 14 वर्ष के भीतर के आयु के बच्चों को कुश्ती प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर देने की बहुत दिनों से चली आई मांग अब फिर से जोर पकड़ रही है। कर्नाटक कुश्ती हब्बा की पहली बार मेजुबानी कर रहे धारवाड़ में अब कुश्ती हब्बा ही चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके चलते युवा पहलवानों को स्थानीय तौर पर ही प्रशिक्षण देने की मांग की जा रही है। जिला खेल विभाग के छात्रावास के बच्चों को एथलेटिक्स एवं हाकी खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रादेशिक तौरपर जनप्रीय खेलों का भी प्रशिक्षण मिलना चाहिए। इससे बच्चों को उत्तम विद्यार्थी बनाने के साथ साथ नामी पहलवान के तौर पर भी तैयार कर सकते हैं। यह मांग स्थानीय पहलवान, कुश्ती प्रेमियों तथा युवा पहलवान संघ की ओर से की जा रही है। जिले के कुश्ती खिलाडिय़ों के लिए गरीबी बनी बाधाधारवाड़ जिले में काफी संख्या में प्रतिभावान युवा कुश्ती खिलाड़ी हैं। उनके लिए आर्थिक समस्या के कारण कुश्ती में आगे बढऩा सम्भव नहीं हो पा रहा है। इसके चलते जिले में ही प्रशिक्षण देने पर अच्छे पहलवान तैयार होंगे। कुश्ती हब्बा के बहाने यह एक मांग पूरी करनी चाहिए। -निंगराज हड़पद, अध्यक्ष, जिला कुश्ती संघ, धारवाड़।कुश्ती परम्परा जीवित रखने की जरूरतखेल विभाग में कुश्ती को शामिल करने का कार्य शीघ्र होना चाहिए। इससे कुश्ती परम्परा को जीवित रख सकते हैं। सरकार को इस दिशा में आगे आने की जरूरी है। युवा पहलवानों को प्रोत्साहन मिलने से कुश्ती और जनप्रीय होगी। -श्रीनिवास शास्त्री, उपाध्यक्ष, जिला कुश्ती संघ, धारवाड़।जिला कुश्ती संघ ने सौंपा ज्ञापनकुश्ती के लिए मशहूर धारवाड़ जिले के पहलवानों को स्थानीय तौर पर ही प्रशिक्षण हासिल करने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने की मांग को लेकर जिला कुश्ती संघ ने जिला प्रभारी मंत्री जगदीश शेट्टर को ज्ञापन सौंपा है। शेट्टर ने भी युवा सबलीकरण एवं खेल विभाग आयुक्त को पत्र लिख कर इस बारे में जितनी जल्दी हो सके कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश देने के पश्चात कुश्ती को जिला खेल विभाग में शामिल किया जाएगा। -शाकीर अहमद तोंडेखान, सहायक निदेशक, [typography_font:14pt;” >युवा सबलीकरण एवं खेल विभाग, धारवाड़।