बारिश रुकने के बावजूद बाढ़ से नहीं मिली राहतहावेरी/सवणूरतालुका में बारिश कम होने के बावजूद लोगों को बाढ़ से निजात नहीं मिली है। नदी किनारे रहने वालों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। तालुका की वरदा नदी में जलस्तर ज्यों-ज्यों बढ़ रहा है त्यों-त्यों डंबरमत्तूर, हिरेमुगदूर ग्राम पंचायत के अंतर्गत नदी निरलगी गांव के कई मकान जलमग्न हो गए हैं। कुणिमेल्लीहल्ली, तेवरमेल्लीहल्ली, अरलीहल्ली, कलसूरु, कलकोटी सहित नदी किनारे स्थित खेतों में पानी घुस जाने की वजह से फसल बर्बाद हो गई है। हिरेमरलीहल्ली- डंबरमत्तूर, कलसूरु, कर्जगी, देवगिरी मार्ग के जरिए हावेरी से जुडऩे वाली सड़क पर पानी भर जाने की वजह से यातायात बाधित हुआ था। तीन दिन से बाढ़ का पानी कम होने की वजह से सड़क पर से पानी उतर जाने की वजह से यातायात पुन: शुरू हो चुका है।हिरेमुगदूर ग्राम पंचायत के अंतर्गत डंबरमत्तूर गांव में राहत केंद्र खोला गया है। राहत केंद्र में चार परिवार के 14 सदस्य रह रहे हैं। यह परिवार मूलत: बेलगावी जिले के चरवाहा समाज से तालुक रखता है। दस साल पहले डंबरमत्तूर में जमीन खरीदकर यह परिवार यहीं बस गया था। बाढ़ की वजह से परिवार के सदस्यों व जानवरों का स्थानांतरण सुरक्षित स्थल पर कर आजीविका की सुविधा दी गई। एक ओर जहां चारे का ढेर पानी में बह जाने की वजह से जानवरों के चारा उपलब्ध करवाना संभव नहीं हो पा रहा है वहीं दूजी ओर डंबरमत्तूर ग्राम पंचायत के अंतर्गत 70, हिरेमुगदूर ग्राम पंचायत के अंतर्गत 50 मकान ढह चुके हैं। 100 एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलीय हो चुकी है। कपास, मूंगफली, मक्का, अरहर, गन्ना सहित विभिन्न कृषि उत्पाद नष्ट हो चुके हैं। बाढ़ की वजह से नदी नीरलगी, अरलीहल्ली, चिक्कमरलीहल्ली गांव टापू की तरह दिखाई दे रहे हैं। पंचायत विकास अधिकारी शिवानंद हडपद ने जानकारी दी कि बाढ़ कम होने की वजह से राहत केंद्र को खोला नहीं गया है।[typography_font:14pt;” >न्यायाधीश ने लिया राहत केंद्र का जायजाडंबरमत्तूर ग्राम पंचायत में खोले गए राहत केन्द्र का दौरा कर सवणूर जेएमएफसी न्यायालय के न्यायाधीश मारुति के. ने जायजा लिया। स्थानीय ग्राम पंचायत अधिकारियों और शासी निकाय को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।