सिरसी उत्सव में आकर्षण का केंद्र बनी श्वान प्रदर्शनी[typography_font:18pt;” >सिरसी-कारवारजिला पंचायत सदस्य जीएन हेगड़े मुरेगार ने कहा कि श्वान पालने का शौक अब गांवों तक भी पहुंच गया है। लोगों में श्वानों के प्रति जागरूकता बढ़ी है, जो अच्छी शुरूआत है। वे सिरसी उत्सव के उपलक्ष्य में विवेकानंद मित्र मंडल की ओर से आयोजित राष्ट्रीय स्तर के श्वानों की प्रदर्शनी का उद्घाटन कर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में श्वान के शौकीनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और इससे लोगों की आय में भी इजाफा हो रहा है। कार्यक्रम के आयोजन में विवेकानंद मित्र मंडल के अलावा पशुपालन तथा पशु वैद्य सेवा विभाग (सिरसी), जीवजल टास्क फोर्स, समर्पण फाउंडेशन, महिला शक्ति मंडल का सहयोग रहा। श्वान प्रदर्शनी में हिरेकेरूर, दावणगेरे, राणेबेन्नूरु, शिकारीपुर सहित राज्य के कई जिलों से आए सौ से अधिक श्वानों ने भाग लिया। श्वान प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की गई। पहले चरण मेें ३० पिलों की प्रदर्शनी हुई। इनमें से सर्वश्रेष्ठ ५ श्वानों को पुरस्कृत किया गया। दूसरे चरण में वयस्क श्वानों की प्रतियोगिता हुई जिसमें ६० से अधिक श्वानों ने भाग लिया, इसमें से ८ श्वानों को अलग-अलग श्रेणी के लिए पुरस्कार दिए गए। प्रतियोगिता में देशी-विदेशी नस्ल के कई श्वानों ने भाग लिया। इस अवसर पर पशुपालन विभाग के सेवानिवृत्त उपनिदेशक सुब्राय भट्ट को सम्मानित किया गया। केएमएफ के निदेशक सुरेशचंद्र हेगड़े केशिन्मने, जीवजल कार्यबल के अध्यक्ष श्रीनिवास हेब्बार, सिरसी पशु चिकित्सक सेवा विभाग के सहायक निदेशक डॉ. आर जी हेगड़े एवं डॉ. रोहित हेगड़े आदि उपस्थित थे। जूरी सदस्य धारवाड़ के डॉ. राकेश बंगले तथा उडुपी की डॉ. शिल्पा पोन्नप्पा उपस्थित थे।