विभिन्न चरणों में लागू होगी डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट [typography_font:18pt;” >धारवाड़केन्द्रीय संसदीय मामलात, कोयला व खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि विभिन्न चरणों में डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाएगी। वे धारवाड़ के कृषि विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार को कृषि मेला-2019-20 का उद्घाटन कर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। भारत को आजादी मिलने के पश्चात देश की जीडीपी कृषि क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत था, जो 18 प्रतिशत तक घट गया है। इसका मतलब कृषि उत्पादन घटा नहीं है बल्कि अन्य क्षेत्रों का उत्पादन अधिक होगया है। जनसंख्या वृद्धि तथा कृषि भूमि की मात्रा कम होना इसका प्रमुख कारण है। इसके समान मधुमक्खियों पालन, दुग्धपालन समेत अन्य ग्रामीण विकास गतिविधियां बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि धारवाड़ कृषि मेला इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। केन्द्र एवं राज्य सरकारों की योजनाओं की जानकारी यहां पर मिलती है। कुल कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए रियायत दर की कालाबाजारी रोक कर नीम लेपित यूरिया उत्पादन कर कालाबाजारी पर अंकुश लगाया गया है। इससे 80 हजार करोड़ रुपए की बचत की गई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत धारवाड़ जिले के 1 हजार 400 एकड़ को सिंचाई सुविधा उपलब्ध की गईहै। लघु योजनाओं से किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि परिवारों को प्रोत्साहन देने वाली योजनाओं को केन्द्र सरकार तैयार कर रही है। विषैले रसायनों के उपयोग पर लगे रोकउप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विषैले रसायनों के उपयोग करने पर रोक लगाने की आवश्यकता है। डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार गन्ना समेत विभिन्न 26 फसलों को निर्धारित समर्थन मूल्य देने के लिएसिफारिश की गई है। किसान अत्यधिक विषैले रसायनों का उपयोग छोड़ कर जैविक कृषि पद्दती अपनाने पर प्राथमिकता देते हुएस्वास्थ्य एवं आर्थिक क्षमता वृद्धि करनी चाहिए। प्रति वर्ष सितम्बर या अक्टूबर में धारवाड़ कृषि मेला आयोजित किया जाता था। उन्होंने कहा कि सूखे के चलते भू जल स्तर घटने के कारणउन इलाकों में भू जल स्तर वृद्धि के लिए योजना तैयार कर 800 करोड़ रुपए उपलब्ध किएगएहैं। बेलगावी, विजयपुर, बागलकोट आदि इलाकों के गन्ना उत्पादक किसान मिट्टी का स्वास्थ्य बनाए रखने पर जोर देना चाहिए। विषैले रसायनों से उत्पादित फसल के सेवन से महाराष्ट्र के एक गांव में 32 प्रतिशत लोग कैंसर से पीडि़त हैं। इसका मुख्य कारण अत्यदिक रसायनिकों का उपयोग करना है। खाद्यानों की जांच से इसकी पुष्टि हुई है। कृषि व बुनकर देश की दो आंखें केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगडी ने कहा कि कृषि व बुनकर देश की दो आंखों की तरह हैं। उनको बढ़ावा देने का कार्य होना चाहिए। कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने के लिए सरकार संकल्प किया है। किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ लेना चाहिए। कृषि मेला किसानों के लिए वरदानभू विज्ञान मंत्री सी.सी. पाटील ने कहा कि धारवाड़ कृषि मेला किसानों के लिए वरदान है। किसानों की वाणिज्य फसल कपास के विभिन्न प्रकारों को किसानों को देने का गर्व विश्वविद्यालय का है। आधुनिक तकनिक, कृषि सामग्री एक ही जगह मिलने से किसानों को अनुकूल हुआ है।