scriptEducation and values are the basic mantra of living life | शिक्षा और संस्कार जिन्दगी जीने के मूल मंत्र हैं | Patrika News

शिक्षा और संस्कार जिन्दगी जीने के मूल मंत्र हैं

locationहुबलीPublished: Oct 12, 2023 06:39:03 pm

Submitted by:

S F Munshi

शिक्षा और संस्कार जिन्दगी जीने के मूल मंत्र हैं

शिक्षा और संस्कार जिन्दगी जीने के मूल मंत्र हैं
शिक्षा और संस्कार जिन्दगी जीने के मूल मंत्र हैं
शिक्षा और संस्कार जिन्दगी जीने के मूल मंत्र हैं
-श्रमण संघीय उपप्रवर्तक जैन संत गुरुदेव नरेशमुनि के प्रवचन
गदग
वीरबलिका मंडल की 25 सदस्यों नें बुधवार 11 अक्टूबर को सिंधनूर में वर्षावास के लिये विराजित श्रमण संघीय उपप्रवर्तक जैन संत गुरुदेव नरेशमुनि, शालीभद्र मुनि एवं साध्वी डॉ. दर्शन प्रभाश्री, साध्वी डॉ. समुद्धिश्री आदि ठाणा के दर्शन कर जिनवाणी श्रवण एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।
वीरबलिका मंडल की सदस्यों नें साधु साध्वी से धार्मिक चर्चा की। मंडल की अध्यक्ष मिनल बाफना, चेयरमैन कंचन ओसवाल, उपाअध्यक्ष सविता बंदा ने वीर बलिका मंडल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि मंडल की स्थापना हुए 34 वर्ष हुए हैं तब से लगातार समाज के हर कार्य में अपना बहुमूल्य योगदान देते आ रहे हैं।
श्रमण संघीय उपप्रवर्तक जैन संत गुरुदेव नरेशमुनि ने मंडल की सदस्यों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि शिक्षा और संस्कार जिन्दगी जीने के मूल मंत्र हैं। शिक्षा कभी झुकने नहीं देगी और संस्कार कभी गिरने नहीं देंगे। व्यक्ति को अपने जीवन मे कोई न कोई लक्ष्य अवश्य निर्धारित करना चाहिए, जिस प्रकार पथिक घर से निकलने से पूर्व ही अपनी मंजिल तय कर लेता है कि उसे कहां जाना है और वो मंजिल की ओर कदम बढा देता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी लक्ष्य निर्धारित कर उसकी ओर कदम बढ़ाना चाहिए।
....................................................
Copyright © 2023 Patrika Group. All Rights Reserved.