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उचित मंड़ी नहीं होने से किसान परेशान

locationहुबलीPublished: Feb 04, 2021 11:41:29 pm

Submitted by:

S F Munshi

उचित मंड़ी नहीं होने से किसान परेशान

उचित मंड़ी नहीं होने से किसान परेशान

उचित मंड़ी नहीं होने से किसान परेशान

उचित मंड़ी नहीं होने से किसान परेशान
-समर्थन मूल्य देने की मांग
हुब्बल्ली
मैदानी सीमा के किसानों की समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अतिवृष्टि से तबाह होकर बची-कुची फसल को मंडी में दाम नहीं मिल रहे हैं। सफेद मक्का के खरीदार नहीं होने से अन्नदाता परेशान हैं। पिछले 25 वर्षों से प्रमुख फसल के तौर पर सफेद मक्का उगा रहे किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं। इस भाग के किसानों ने सरकार से तुरन्त मक्का की फसल के लिए समर्थन मूल्य देने की मांग की है।
अपनी उगाई फसल अपना जीवन संवारने का विश्वास रखने वाले अन्नदाताओं को भारी निराशा हुई है। सफेद मक्का के अच्छे दाम नहीं मिलने के किसानों के जीवन में अंधेरा छाया हुआ है। इससे बेहतर दाम की उम्मीद में स्थित किसान बेबस बैठे हैं।
गदग जिले के मुंडरगी तालुक के अत्तिकट्टी गांव में अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में स्थित किसान मुश्किल में पड़ गए हैं। इस गांव के किसान सर्वाधिक सफेद मक्का उगाते हैं।
समर्थन मूल्य में मक्का खरीदने की मांग
किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष अच्छी बारिश होने से अच्छी फसल आई थी। साथ ही अच्छे दाम भी मिले थे परन्तु इस वर्ष अतिवृष्टि से फसल को नुकसान हुआ है। साथ ही पैदावार घटी है। ऋण लेकर सफेद मक्का उगाए किसान खरीदारों के नहीं होने के कारण कंगाल हुए हैं। केंद्र तथा राज्य सरकारों के मक्का फसल के लिए समर्थन मूल्य देकर खरीदी केंद्र खोलने की मांग को लेकर कई बार जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ। सरकार को समर्थन मूल्य में खरीदी केंद्र खोलना चाहिए। किसान सफेद मक्का के साथ देने के विश्वास से फसल की रास डालकर खेतों में ही बैठे हैं। खरीदार नहीं होने तथा अच्छे दाम नहीं मिलने का कारण सफेद मक्का उगाकर कंगाल हुए हैं। सरकार को ही खरीदी केंद्र खोलकर समर्थन मूल्य में मक्का खरीदना चाहिए।
खराब हो रही फसल
गदग जिले में 84 हजार हेक्टेयर मक्का उगाया है। इसमें 20 हजार हेक्टेयर सफेद मक्का उगाया गया है। गदग, शिरहट्टी, मुंडरगी, नरगुंद समेत जिले में विभिन्न जगहों के किसानों ने मक्का उगाया है। इस वर्ष उचित फसल नहीं मिलने से अन्नदाता संकट में आ गया है। एक एकड़ मक्का की फसल उगाने के लिए लगभग 20 हजार रुपए खर्च किया है। खर्च की राशि भी हाथ नहीं रखने के लक्षण नजर नहीं आने से किसान परेशान हैं। मक्का की रास की जगह से भी नहीं हटाया है। इससे जमीन पर ही फसल खराब हो रही है।
दाम नहीं मिलने से परेशान
सफेद मक्का किसानों ने मांग की कि किसानों को सरकार समर्थन मूल्य देकर खरीदी केंद्र खोलना चाहिए। किसान बड़ी मेहनत से फसल उगाने के बाद भी उसे मात्र मंड़ी में फसल के दाम नहीं मिलने से परेशान हैं।
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